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पेटेंटेड डिवाइस खाद्यान्न भंडारण की सुरक्षा और गुणवत्ता में बड़ा कदम, अब अनाज में कीट पहचान आसान

Patented food storage: राजधानी में ट्रिपल आईटी के प्रोफेसरों ने अनाज में कीट संक्रमण का अनुमान लगाने के लिए पेटेंटेड डिवाइस और मॉडल तैयार किया है।

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Patented food storage (Photo source- Patrika)

Patented food storage (Photo source- Patrika)

Patented food storage: अनाज में कीट संक्रमण का अनुमान लगाना अब मुमकिन होगा। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए राजधानी में नया आविष्कार किया गया है। अनाज में मौजूद कीट संक्रमण की समस्या को सुलझाने के लिए ट्रिपल आईटी के प्रोफेसर ने एक ऐसा इनोवेटिव डिवाइस और मॉडल तैयार किया है जिससे अनाज में कीट संक्रमण का आकलन किया जा सकता है। मोबाइल में लगने वाले चार्जर प्लग में ही इस डिवाइस को लगाया जा सकता है।

Patented food storage: पेटेंट खाद्यान्न भंडारण साबित हो रहा महत्वपूर्ण कदम

इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीविशाल त्रिपाठी और डॉ पीपी पल्तानी ने बताया कि डिवाइस की मदद से कीटों के ध्वनिक संवेदी डेटा के माध्यम से कीट संक्रमण की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है। वर्तमान आविष्कार मुख्यत: कटाई के बाद कीटों का पता लगाने से संबंधित है। इसमें अभी 9 से ज्यादा प्रकार के कीटों का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक ऐप भी डेवलप किया गया है जो सभी डेटा को प्रोसेस कर जानकारी देता है। इसे पेटेंट भी मिल चुका है। यह पेटेंट खाद्यान्न भंडारण की गुणवत्ता, सुरक्षा और संरक्षण को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

किसानों, लोगों के लिए उपयोगी साबित होंगे कृषि से जुड़े शोध

इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. ओपी व्यास ने बताया कि छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है और हाल के वर्षों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में हुई प्रगति के चलते कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार की अपार संभावनाएं खुल गई हैं। ट्रिपलआईटी नवा रायपुर में कृषि से जुड़े कई शोध प्रयास जारी हैं, जो किसानों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। प्रोफेसर रवि सक्सेना, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, जो वर्तमान में उद्यानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं, ने डेटा संग्रह के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान और सहयोग प्रदान किया है।

कीटों की मात्रा कितनी है, इसका भी अनुमान संभव

डीप लर्निंग मॉडल के माध्यम से अलग-अलग प्रकार के 9 से ज्यादा प्रकार के कीटों का पता लगाया जा सकता है। इसमें कीटों की मात्रा कितनी है उसकी भी अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डिवाइस और मॉडल डेवलप करने में लगभग चार माह का समय लगा। इसकी टेस्टिंग घर और इंस्टीट्यूट के कैंटिंग में किया गया है। इस डिवाइस का फायदा यह है कि हम पैकेट में बंद अनाज को लेने से पहले उसमें यह पता कर सकते है कि उसमें कीटों की मात्रा कितनी है।

अनाज खराब तो नहीं हो गया है। इसे आसानी से उपयोग किया जा सकता है और लागत में भी कमी लाई जा सकती है। पेस्ट इन्फेस्टेशन असेसमेंट सिस्टम फॉर स्टोर्ड ग्रेन्स, एंड मेथड देयरऑफ टॉपिक पर जनवरी 2024 को दायर किया गया था और सितंबर 2025 को स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह पेटेंटेड प्रणाली अनाज में कीट संक्रमण की पहचान और उसकी तीव्रता का वैज्ञानिक, स्वचालित एवं मूल्यांकन करने में सक्षम है।

खाद्यान्न की गुणवत्ता, सुरक्षा और संरक्षण में साबित होगा अहम कदम

Patented food storage: डिवाइस की मदद से कीटों के ध्वनिक संवेदी डेटा को एक हाइब्रिड डीप लर्निंग मॉडल के माध्यम से स्पेक्ट्रोग्राम विश्लेषण के अधीन किया जाता है ताकि संक्रमण की कुल मात्रा का सटीक अनुमान लगाया जा सके। प्रणाली में एक ध्वनि रिकॉर्डिंग उपकरण, एक उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस उपकरण और एक प्रोसेसर शामिल है।

यह ध्वनि रिकॉर्डिंग उपकरण भंडारित अनाज के नमूनों में संक्रमित जीवों द्वारा उत्पन्न ध्वनि को रिकॉर्ड करता है। उपयोगकर्ता इंटरफेस उपकरण ध्वनि भंडारण पथ, नमूनों की कुल संख्या और भंडारित अनाज की कुल मात्रा को इनपुट के रूप में प्राप्त करने और संक्रमण मूल्यांकन परिणामों को आउटपुट के रूप में प्रदान करने में मदद करता है।