रायपुर में सजा रंगोली बाजार (Photo Patrika)
Raipur News: दिवाली का त्योहार रोशनी और रंगों का उत्सव है और राजधानी के घर-घर में रंगोली इसकी शोभा बढ़ेगी। आंगन से लेकर मुख्य द्वार तक, रंग-बिरंगी रंगोली शुभता और समृद्धि का प्रतीक बनकर उभरेगी। राजधानी के गोलबाजार, कटोरा तालाब, पंडरी, तेलीबांधा और गली-मोहल्लों में रंगोली की खरीदारी जोरों पर है। इस बार बाजार में 10 से बढ़कर 36-40 रंगों की वैरायटी उपलब्ध है और अनुमान है कि सिर्फ दिवाली के दौरान रायपुर में 500 टन रंगोली पाउडर की खपत होगी।
1975 से रंगोली का कारोबार कर रहे शोएब रिजवी बताते हैं, पहले रंगोली के सिर्फ 10 रंग हुआ करते थे। अब 36 से 40 रंगों की वैरायटी है, लेकिन पारंपरिक 10 रंग लाल, पीला, नीला, हरा, सफेद आदि आज भी सबसे ज्यादा बिकते हैं। रायपुर में रंगोली की मांग हर साल बढ़ रही है और इस बार पर्यावरण-अनुकूल प्राकृतिक रंगों (ग्रीन रंगोली) की डिमांड भी देखी जा रही है।
पहले लोग किताबों या अपनी कल्पना से रंगोली बनाते थे, लेकिन अब रेडीमेड डिजाइन वाली छलनियां बाजार में छाई हुई हैं। ये छोटी और मध्यम आकार की रंगोली के लिए बेहद सुविधाजनक हैं, जो 10-15 मिनट में तैयार हो जाती हैं। हालांकि, रंगोली आर्टिस्ट खुशी चौधरी बताती हैं, बड़ी और जटिल डिजाइनों के लिए अभी भी हाथों से काम करना पड़ता है। खुशी के मुताबिक, दिवाली में उन्हें इतने ऑर्डर मिलते हैं कि कई छोड़ने पड़ते हैं। उनकी सबसे ज्यादा डिमांड वाली थीम फूलों का कॉबिनेशन, जो आंगनों को रंग और सुगंध से भर देता है।
मां लक्ष्मी के चरण: समृद्धि का प्रतीक, मुय द्वार पर बनाया जाता है।
दीया पैटर्न: रोशनी का प्रतीक, रंगों और ग्लिटर से सजाया जाता है।
फूल-पत्ती डिजाइन: गुलाब, चमेली और गेंदे के फूलों से सजी, प्राकृतिक लुक।
स्वास्तिक और ओम: शुभता और आध्यात्मिकता का प्रतीक।
लोटस (कमल): सौंदर्य और पवित्रता का प्रतीक, गोलाकार डिजाइन में।
गोल डिजाइन: ज्योमेट्रिक पैटर्न, जो बच्चों और बिगिनर्स को पसंद है।
शुभ दीपावली लिखावट: रंगों और दीयों के साथ, त्योहार का उत्साह दर्शाती है।
Updated on:
18 Oct 2025 02:31 pm
Published on:
18 Oct 2025 02:30 pm
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