Mahtari Vandan Yojana: महतारी वंदन योजना के पात्र हितग्राहियों की जांच-पड़ताल महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुरू कर दी है। बैंक खाते की ई-केवायसी और फोटो सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए वार्डों में शिविर लगाकर महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही महिलाओं से शिविर स्थल पर महिलाओं के फोटो का सत्यापन कराया जा रहा है। ताकि जिन महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है, वास्तव में वही है कि नहीं। इसी तरह बैंकों में जिन महिलाओं के खाते में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा हर माह 1000 हजार रुपए डाले जा रहे हैं, उसका भी ई-केवाईसी कराने के लिए महिलाओं के मोबाइल पर सूचना भेजी जा रही है।
राज्योत्सव में हो सकती है घोषणा: सूत्र बताते हैं कि महतारी वंदन योजना के तहत नए पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़ने की घोषणा राज्योत्सव में की जा सकती है। इसके बाद विभाग द्वारा नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें कि बस्तर में ऑफ लाइन फार्म पात्र हितग्राहियों से भरवाने की सूचना है।
महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश की लाखों महिलाएं बाट जोह रही हैं। क्योंकि योजना के पात्र होने के लिए सबसे पहले 21 वर्ष का होना जरूरी है। साथ ही विवाहित भी। इसलिए योजना शुरू होने के दो-तीन माह बाद जिन महिलाओं की उम्र 21 हुई और शादी भी हुई है। इन महिलाओं के नाम अभी तक नहीं जोड़े गए हैं। बता दें कि जब योजना की शुरुआत हुई थी, उस समय साय सरकार के पांच मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योजना के नियम कायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी।
साथ ही ये भी कहा था कि योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं के नाम लगातार जोड़ने की प्रक्रिया जारीरहेगी। साथ ही अपात्रों के नाम डिलिस्टिंग भी होती रहेगी। अपात्रों के नामों की डिलिस्टिंग तो हो रही है, लेकिन नए पात्रों के नाम भी जोड़ने का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया है। इसे लेकर महिलाओं के भारी आक्रोश भी है।
जिन चार लाख महिलाओं को राशि नहीं दी गई, उनके बैंक खाते की ई-केवायसी नहीं थी। इसलिए अभी उनके खाते में राशि अंतरित नहीं की गई है। वित्त विभाग से अनुमति मिल गई है, एक-दो दिन में बचे चार लाख महिलाओं के खाते में राशि अंतरित हो जाएगी। - अभय देवांगन, उपसंचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग
वार्डों के आंगनबाड़ी केंद्रों में महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही महिलाओं के फोटो का सत्यापन आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जा रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र के सुपरवाइजर और सहायिकाओं के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के एक-एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है ताकि फोटो सत्यापन के समय किसी प्रकार की दिक्कतें न आएं।
जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार योजना के तहत अपात्र महिलाओं के नाम की लगातार स्क्रूटनी की जा रही है। विभाग द्वारा बनाए गए नियम का पालन न करते हुए शुरुआत में जिन महिलाओं ने लाभ लेने के लिए आवेदन किए थे, उनके आवेदनों की बारीकी से जांच की जा रही है। जो अपात्र पाए जा रहे हैं, उन्हें योजना से बाहर भी किया जा रहा है।
बता दें कि योजना की शुरुआत में प्रदेशभर से करीब 69 लाख महिलाओं को एक-एक हजार रुपए दिए जा रहे थे। अक्टूबर में करीब 64 लाख महिलाओं को एक-एक हजार रुपए दिए गए। हालांकि इस मामले में विभाग का कहना है कि सिर्फ अपात्र और शिकायत के बाद जांच में जो अपात्र मिल रहे हैं, उन्हें योजना से बाहर किया गया है। रही बात चार लाख महिलाओं की तो उनकी ई-केवाईसी नहीं हुई थी, उन्हें इस माह की राशि दो-तीन दिन बाद दी जाएगी।
Published on:
15 Oct 2025 10:44 am
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