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CG News: 170 से ज्यादा बोगस फर्म बनाकर करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी

CG News: सिंडिकेट का खुलासा, मास्टर माइंड मो. फरहान टैक्स सलाहकार के रूप में करता था कार्य, जांच में 1.64 करोड़ रुपए नकद और 400 ग्राम सोना जब्त

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Raipur GST News

CG News: छत्तीसगढ़ राज्य जीएसटी विभाग ने जीएसटी एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस नेटवर्क तथा जीएसटी प्राइम पोर्टल (GST Prime Portal) का उपयोग करके बोगस फर्म और बोगस बिल तैयार करने वाले सिंडिकेट का पता लगाया है। इसका मास्टर माइंड मो. फरहान सोरठिया है, जो जीएसटी के टैक्स सलाहकार (Tax Advisor) के रूप में कार्य करता था। इस सिंडिकेट के कारण छत्तीसगढ़ को प्रतिमाह करोड़ों रुपए के कर राजस्व का नुकसान होता था।

राज्य जीएसटी की बीआईयू टीम इस प्रकरण पर एक माह से कार्य कर रही थी। मास्टर माइंड (Mastermind) मो. फरहान सोरठिया के ऑफिस में 12 सितंबर को जांच की गई। जांच के दौरान यहां से 172 फर्मों के बारे में जानकारियां मिली। फरहान ने अपने 5 ऑफिस स्टाफ को फर्मों का पंजीयन कराने, रिटर्न फाइल (Return File) करने और ई-वे बिल (E-Way Bill) तैयार करने के लिए रखा था। इसके अलावा मास्टर माइंड के आफिस से बोगस पंजीयन के लिए किरायानामा, सहमति पत्र, एफिडेविट तैयार करने के भी साक्ष्य मिले हैं।

26 बोगस फर्मों (Bogus Firms) से ही 822 करोड़ का ई-वे बिल जनरेट किया गया, जबकि रिटर्न में 106 करोड रुपए का ही टर्नओवर दिखाया गया है। केवल इन फर्मों से ही छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) को 100 करोड़ रुपए के जीएसटी का नुकसान होने का प्रारंभिक आकलन है। यहां से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार राज्य के भीतर और पंजाब (Punjab), असम, मणिपुर (Manipur), ओडिशा में भी पंजीयन लिया गया है। पंजीयन के लिए बोगस दस्तावेज जैसे किरायानामा एवं सहमति पत्र भी तैयार किए जाते थे। इन फर्मों के माध्यम से बोगस सप्लाई बिल और ई-वे बिल जारी किए जा रहे थे।

मो. फरहान (Mohd. Farhan Sorathiya) के बोगस फर्मों से संबंधित दस्तावेज छुपाए जाने की सूचना पर विभाग ने 17 सितंबर को फरहान के चाचा मो. अब्दुल लतीफ सोरठिया के आवास में सर्च (जांच) किया गया। वहां अधिकारियों को 1 करोड़ 64 लाख रुपए के नोट और 400 ग्राम सोने के 4 बिस्किट मिले। विभाग के अधिकारियों ने इसे जब्त कर के आयकर विभाग (Income Tax Department) को सूचना दे दी है।

जीएसटी अधिकारियों द्वारा इन फर्मों से करोड़ों रुपए के जीएसटी फ्रॉड (GST Fraud) की राशि की गणना की जा रही है। इस प्रकरण में कई ब्रोकर (Broker), स्क्रैप डीलर और इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ लेने वाली कम्पनियां भी विभाग के जांच के दायरे में है। राज्य कर विभाग द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है और आगे की विधिक कार्यवाही प्रगति पर है।