Big News: जमीन पर 'आकाश' , गुंबदनुमा स्क्रीन फटने के बाद से 7 साल से खा रहा धूल
लोगों और विद्यार्थियों को आकाश के तारामंडल की अनुभूति कराने के लिए बनाया गया 5-डी इमर्सिव डोम लगभग 7 साल से धूल खा रहा है। लगभग ढाई साल आधे-आधे घंटे की 5-डी मूवी के रोजाना दो-दो शो चले, लेकिन अब यह बंद है। डोम को 2016 में लगभग 10 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया था।
साइंस पिक्शन केंद्र के रूप में बनाए गए इस डोम का अस्तित्व ही खो रहा है। स्क्रीन खराब होने के बाद से कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं है। शुरुआत में 5-डी जैसी जादुई तकनीक की दो छोटी-छोटी फिल्में दिखाई गईं, इससे लोग साइंस टेक्नोलाॅजी से परिचित हो रहे थे। इसमें डॉन ऑफ स्पेस एज और कालू-ओक्का-हिना दिखाई गई जो छत्तीसगढ़ में शूट की गई थी। कई अधिकारियों को तो यह भी नहीं पता है कि अभी इसमें क्या हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, 2018 में ही डोम के ऊपरी हिस्से में गुंबदनुमा स्क्रीन फटकर सिनेमा हाॅल की कुर्सियों पर गिर गई। उसके बाद डोम कोे लाॅक करके सामने सूचना लगा दी गई कि तकनीकी खराबी की वजह से फाइव-डी फिल्मों के शो बंद कर दिए गए हैं। कुर्सियां इस तरह बनी हैं कि लोग लगभग लेटकर ऊपर की ओर मूवी देख सकें। जानकारी के अनुसार, इस हादसे में थियेटर का प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम, लाइटें और डिवाइस भी खराब हो चुके हैं। सभी उपकरण 5-डी टेक्नालाॅजी के होने के कारण काफी महंगे हैं।
जानकारी के अनुसार, पिछली सरकार में 5-डी इमर्सिव डोम को छत्तीसगढ़ कॉन्सिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीजीकॉस्ट) को हैंडओवर करने को लेकर चर्चा चली थी जिसमें एनआरडीए ने कहा था कि उसे डेवलप करने के बाद सीजीकॉस्ट को हैंडओवर किया जाएगा, लेकिन इसमें कुछ नहीं हो पाया। अधिकारियों की मानें तो बजट में कोई प्रावधान नहीं होने के कारण इसमें कुछ भी नहीं हो पाया है।
इमर्सिव डोम का संचालन बेंगलूरु की कंपनी के हाथों में था, जो 2018 तक यहां रही। तब तक कोई दिक्कत नहीं थी। कंपनी के जाने के बाद से डोम में खराबियां आने लगी। डोम के मासिक मेंटेनेंस पर 7 से 10 लाख रुपए खर्च होते थे, लेकिन 100 सीटर डोम का टिकट 10 रुपए था। डोम की आधे घंटे की एक फिल्म बनाने का खर्च लगभग 18 से 20 लाख रुपए था।
Published on:
15 Oct 2025 11:41 pm
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