Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

17 साल में 50 करोड़ की अवैध कमाई.. निलंबित डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया के खिलाफ 8000 पन्नों का चालान पेश

CG News: ईओडब्ल्यू ने अपने चालान में बताया है कि सौम्या 2005 में लेखाधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। इसके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा 2008 बैच की प्रथम पदस्थापना डिप्टी कलेक्टर बिलासपुर बनाया गया था।

2 min read
CG News: सौम्या चौरसिया के खिलाफ 8000 पन्नों का चालान पेश, 17 साल में 50 करोड़ की अवैध कमाई

सौम्या चौरसिया (Photo Patrika)

CG News: ईओडब्ल्यू ने निलंबित डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में विशेष न्यायाधीश की अदालत में मंगलवार को 8000 पन्नों का चालान पेश किया। इसमें बताया गया है कि कोयला, डीएमएफ और अन्य घोेटाले से सौम्या ने 17 साल की नौकरी में अपने आय से 1872 फीसदी अवैध कमाई अर्जित की।

सेवाकाल के दौरान स्वंय और परिवार की वैध आय करीब 2 करोड़ 51 लाख 89175 रुपए थी। लेकिन, अपने पद का दुरुपयोग कर 49 करोड़ 69 लाख 48298 करोड़ रुपए अर्जित किया। इस ब्लैकमनी से सबसे अधिक निवेश 2019 से 2022 के बीच किया गया। स्वयं के साथ ही परिजनों और करीबी लोगों के नाम पर चल-अचल संपत्तियां खरीदी गईं। यह जांच एजेंसी के इतिहास में अब तक का आय से अधिक संपत्ति का सबसे बड़ा प्रकरण है। बता दें कि सौम्या की 47 करोड़ रुपए की 45 बेनामी चल- अचल संपत्तियों में ईडी 29 और 8 करोड़ रुपए की 16 को ईओडब्ल्यू द्वारा अटैच की गई है।

संपत्तियां कुर्क

ईओडब्ल्यू ने 16 जून 2025 को विशेष न्यायाधीश की अदालत में आवेदन पेश कर बताया था कि सौम्या ने भ्रष्टाचार कर स्वयं के साथ ही पति सौरभ और भाई अनुराग चौरसिया एवं परिजनों के नाम से 47 करोड़ रुपए की 45 प्रॉपर्टी खरीदी। इसे कोयला लेवी एवं अन्य भ्रष्ट स्त्रोत से खरीदना बताया गया इसके इनपुट मिलने पर उक्त प्रॉपर्टी को कुर्क किया गया है। इसमें से 29 अचल सम्पत्तियों को ईडी और 8 को ईओडब्ल्यू पहले ही कुर्क कर चुकी है।

ऑडिटर से सीएम उपसचिव तक का सफर

ईओडब्ल्यू ने अपने चालान में बताया है कि सौम्या 2005 में लेखाधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। इसके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा 2008 बैच की प्रथम पदस्थापना डिप्टी कलेक्टर बिलासपुर बनाया गया था। वर्ष 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में उप सचिव के पद पर पदस्थ हुई थीं। अपने कार्यकाल के दौरान पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट तरीके से अवैध संपत्तियां अर्जित की। बता दें कि मनीलान्ड्रिग मामले में पहले ईडी और उसके बाद ईओडब्ल्यू चालान पेश कर चुकी है। सौम्या को करीब ढाई साल तक जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया है। जमानत शर्तो के अनुसार सौम्या छत्तीसगढ़ से बाहर बेंगलूरु में रह रही हैं और सुनवाई के दौरान कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं।