भारत में इसका मिश्रित प्रभाव पड़ सकता है। एक ओर यह प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा, वहीं दूसरी ओर इससे सहयोग के नए अवसर भी मिल सकते हैं।
चीन का डीपसीक आर 1 टूल एआई क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह न केवल सवालों का उत्तर देता है, बल्कि इंसान की तरह सोचने की क्षमता भी प्रदर्शित करता है। गणित, कोडिंग और सामान्य ज्ञान के मामलों में इसे चैटजीपीटी से बेहतर माना जा रहा है। हालांकि, भारत में इसका मिश्रित प्रभाव पड़ सकता है। एक ओर यह प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा, वहीं दूसरी ओर इससे सहयोग के नए अवसर भी मिल सकते हैं। भारत को अपनी एआई क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।
-डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
चीन का यह नया एआई टूल भारत के लिए एक चुनौती हो सकता है क्योंकि इससे चीन वैश्विक मंच पर और भी ताकतवर हो सकता है। इसका प्रभाव भारत की तकनीकी क्षमता और उसकी वैश्विक स्थिति पर पड़ सकता है, जिससे हलचल मच सकती है।
-सुरेंद्र कुमार बिंदल
चीन का नया एआई टूल भारत के लिए एक प्रतिस्पर्धा का अवसर हो सकता है। भारत को इस एआई टूल से सीखते हुए अपनी तकनीकी प्रगति और नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए। भारत की प्रतिभाओं में कमी नहीं है, बल्कि उन्हें सही अवसर देने की आवश्यकता है, ताकि वे वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकें।
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास
चीन को 'ड्रेगन' कहना अब सही साबित हो रहा है क्योंकि उसके नए एआई टूल के आने के बाद यह और भी खतरनाक हो सकता है। भारत को इस नए 'ड्रेगन' से सावधान रहने की आवश्यकता है।
-प्रियव्रत चारण 'लव', जोधपुर
भारत को अपने देश में निर्मित एआई टूल्स का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि कोई खुफ़िया जानकारी न लीक हो सके। चीन के एआई टूल्स का इस्तेमाल भारत के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उनकी तकनीकी जानकारी चीन के पास जा सकती है। इसलिए भारत को 'मेक इन इंडिया' के तहत अपने खुद के एआई टूल्स विकसित करने चाहिए, जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगे।
चीन का नया एआई टूल डीपसीक, भारत के शेयर बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। यह टूल चैटजीपीटी के मुकाबले 90 से 95 प्रतिशत कम कीमत पर उपलब्ध है, जिससे यह शिक्षा और ट्यूशन के क्षेत्र में भी मदद कर सकता है।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
चीन के नए एआई टूल से भारत के टेक और आईटी सेक्टर पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, स्वचालन में वृद्धि होगी और डेटा सुरक्षा पर भी सवाल उठेंगे। भारत को अपनी एआई क्षमताओं को मजबूती से बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और साइबर सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
-प्रकाश कटारिया, हुबली
चीन के नए एआई टूल्स से भारत पर मिश्रित प्रभाव पड़ सकता है। यह एक ओर भारतीय कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा का कारण बनेगा वहीं दूसरी ओर भारत को इस टूल से सीखने का भी अवसर मिलेगा। भारत को अपनी एआई क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि वह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बने रह सके।
-हर्ष जैन, सूरत
Published on:
29 Jan 2025 02:48 pm
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