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उज्जैन में सपनों का प्लेन, दो भाइयों ने खरीदा असली हवाई जहाज, कबाड़ से बनेगा कमाल का ‘लग्जरी होटल’

MP News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में अब चलने भर का नहीं, बल्कि उड़ने का अहसास भी होगा, क्योंकि यहां जल्द ही एक ऐसा होटल खुलने जा रहा है, जो किसी एयरपोर्ट लाउंज से कम नहीं होगा। असली हवाई जहाज में लग्जरी रूम्स वाला होटल… ये वही VT-EAV प्लेन है, जो कभी बीएसएफ के पास था और राजीव गांधी से जुडा़ रहा...

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MP News Ujjain

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MP News: ये कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि एमपी के उज्जैन जिले के दो सगे भाइयों वीरेंद्र कुशवाह और पुष्पेंद्र कुशवाह की जिंदगी की सच्ची घटना है। दोनों ने मिलकर एक 55 सीटों वाला असली एयरक्राफ्ट स्क्रैप खरीदा है। वे अब इसे अपने फॉर्म हाउस पर लग्जरी होटल की शक्ल में तब्दील करने की तैयारी कर रहे हैं।

दो ट्रकों में लदकर उज्जैन पहुंचा है ये एयरक्राफ्ट

यह एवरो VT-EAV प्लेन, जो कभी हवा में उड़ान भरता था, आज दो बड़े ट्रकों में रखकर उज्जैन पहुंचाया गया है। ट्रक के ऊपर हवाई जहाज के पंख और उसकी बॉडी जब शहर के रास्तों से गुजरी, तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने मोबाइल निकालकर उसके वीडियो बनाने शुरू कर दिए, किसी ने फोटो लिए तो कई उसे देखकर ही खुशी से उछल रहे थे। जैसे वह हवाई जहाज ट्रक से नहीं बल्कि आसमान से जमीन पर उतर रहा हो।

स्क्रैप बिजनेस से बुना एक सपना

वीरेंद्र और पुष्पेंद्र का स्क्रैप खरीदने का ये जुनून नया नहीं है। उनका परिवार लंबे समय से स्क्रैप का कारोबार कर रहा है। दोनों राजलक्ष्मी इंटरप्राइजेस और कुशवाह एंड संस के नाम से 2011 से डिफेंस एजेंसियों से पुराना सामान खरीदते आ रहे हैं। और कबाड़ के बीच कमाल का एक सपना बुनते आ रहे हैं।

2019 में खरीदा था मिग-21 फाइटर जेट

दोनों भाइयों ने 2019 में भारतीय वायु सेना से मिग-21 फाइटर जेट खरीदा था। वो भी सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपए में। हालांकि तब उनके सामने ये शर्त रखी गई थी कि इसे डिसमेंटल यानी तोड़ा जाएगा। वह मिग-21 अब भी उनके यार्ड में स्मारक के रूप में रखा हुआ है।

अब क्या है दोनों भाइयों का नया प्लान

अब दोनों भाइयों ने नया प्लान बनाया है। एक 55 सीटर एवरो प्लेन खरीदकर उसे होटल में बदलने का।

बड़ा रोचक है एवरो प्लेन का इतिहास

जो विमान उज्जैन की शान बनने जा रहा है, उसका अपना गौरवशाली इतिहास है। वह यही एवरो VT-EAV है जिसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने खरीदा था। इस विमान को उन्होंने एचसीएल को दिया था। इसके बाद 1991 में इसे बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के हवाले कर दिया गया। बीएसएफ इस विमान का उपयोग मेडिकल इमरजेंसी में जवानों को लाने ले जाने के लिए करती थी। 2009 तक यह विमान सेवा में रहा, लेकिन तकनीकी सीमाओं के कारण इसे बाद में कबाड़ घोषित कर दिया गया। नीलामी में 40 लाख रुपए में इस विमान को कुशवाह भाइयों ने खरीद लिया।

अब बनेगा लग्जरी होटल

अब यह विमान उज्जैन के मक्सी रोड स्थित उनके फार्म हाउस में स्थापित किया जा रहा है। पूरा ढांचा तैयार होते ही इसे एक एविएशन थीम होटल में बदल दिया जाएगा।

ये होगी इसकी खासियत

इस लग्जरी होटल की खासियत ये होगी कि इसमें लग्जरी रूम्स, कैफे और फोटो प्वॉइंट्स या सेल्फी प्वॉइंट्स होंगे। प्लेन का कॉकपिट जस का तस रहेगा ताकि लोग अंदर बैठकर पायलट सेल्फी ले सकें। सीटों की जगह इसमे आरामदायक सोफे, खूबसूरत लाइटिंग और सजावट होगी। वीरेंद्र कहते हैं कि लोग उज्जैन आएं तो सिर्फ महाकाल का नहीं बल्कि, कुछ नया अनुभव लेकर जाएं, बच्चों के लिए यह एडवेंचर होगा। बड़ों के लिए एक यादगार ठिकाना।

कबाड़ से कमाल तक का सफर

दोनों भाइयों का कहना है कि कबाड़ सिर्फ कचरा नहीं बल्कि नई सोच का सोना है। वीरेंद्र का कहना है कि हम 2011 से अब तक रक्षा मंत्रालय, एयरफोर्स, बीएसएफ और नौसेना की कई नीलामियों में शामिल रहे हैं। यह सिर्फ बिजनेस नहीं। इतिहास को बचाने का जरिया भी है। उनका कहना है कि पुरानी मशीनें, चाहे विमान हों या टैंक अगर रचनात्मक सोच से इस्तेमाल किए जाएं, तो युवाओं में प्रेरणा जगाती हैं।

फैक्ट फाइल

जगह(शहर)- मक्सी रोड, उज्जैन
खासियत- 55 सीटों वाला असली हवाई जहाज, जिसे लग्जरी होटल बनाया जा रहा है।
कीमत- 40 लाख रुपए(बीएसएफ नीलामी से खरीदा)
खरीदार- उज्जैन के दो भाई वीरेंद्र और पुष्पेंद्र कुशवाह
कंपनी- राजलक्ष्मी इंटरप्राइजेज और कुशवाह एंड संस
इतिहास-पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एचसीएल को दिया। मेडिकल इमरजेंसी में जवानों का परिवहन था ये विमान (बीएसएफ में 1991-2009 तक)

उज्जैन की पहचान में नया आयाम

महाकाल की नगरी उज्जैन अब अध्यात्म और नवाचार दोनों का संगम बनने जा रही है। जहां एक ओर करोड़ों भक्त महाकाल के दर्शन करने आते हैं, वहीं अब वे एक ऐसे होटल का अनुभव भी करेंगे़ जो असली एयरक्राफ्ट के भीतर होगा। इस प्लेन होटल से स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। युवा, फैमिली ट्रैवलर और कंटेट क्रिएटर्स के लिए ये जगह एक मस्ट विजिट स्पॉट बन सकती है।

क्या है आगे की तैयारी?

विमान को फॉर्म हाउस में स्थापित करने का काम जारी है। इसके अंदरूनी हिस्से को सजाने के लिए इंटीरियर डिजाइनर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और कारपेंटर की टीमें लगी हैं। प्लान है कि अगले कुछ महीनों में ही होटल बनकर तैयार हो जाएगा।

पुष्पेंद्र कहते हैं कि यह बस दिखावे की चीज बने। हमारा लक्ष्य है कि आने वाला हर व्यक्ति महसूस करे कि वह किसी उड़ान का हिस्सा है। चाहे आसमान की न सही, अपने सपनों की उड़ान सही।

नई उड़ान की शुरुआत

जो हवाई जहाज कभी सीमा सुरक्षा में काम आता था अब वो लोगों को यादों की सैर कराएगा। कबाड़ से निकला कमाल का ये आइडिया अब उज्जैन की नई पहचान बनेगा।