
लल्लू मुखिया (फ़ोटो-पत्रिका)
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच पटना जिला की बाढ़ विधानसभा सीट पर बुधवार को उस वक्त हंगामा मच गया जब महागठबंधन के प्रत्याशी कर्णवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया के जनसंपर्क कार्यक्रम में कुछ असामाजिक तत्वों ने बाधा डाल दी। मामला बेढ़ना गांव का है, जहां लल्लू मुखिया चुनावी प्रचार के तहत जनता से संपर्क कर रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने लल्लू मुखिया मुर्दाबाद के नारे लगाए और उनके समर्थकों पर पथराव कर दिया।
अचानक हुए इस पथराव से कुछ देर के लिए मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूत्रों के मुताबिक, लल्लू मुखिया के समर्थकों में से एक मिथलेश यादव को सिर में चोट लगी, जिन्हें बाद में स्थानीय लोगों की मदद से प्राथमिक उपचार दिलाया गया। हालांकि, ग्रामीणों और समर्थकों ने सुझबूझ और संयम का परिचय दिया और काफिले को आगे बढ़ने दिया। स्थिति बिगड़ने से पहले ही समर्थकों ने माहौल को शांत कर लिया, जिससे कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
घटना के बाद कर्णवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने समर्थकों से संयम और एकता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम सबको संगठित रहना है। विरोधी बौखला गए हैं क्योंकि जनता हमारे साथ है। भारी मतों से हम विजयी हो रहे हैं, इसलिए ऐसे लोग माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हमें उनके बहकावे में नहीं आना है। जनता मालिक है, वही सही फैसला करेगी।” उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनाव अब नजदीक है, इसलिए किसी भी उकसावे में न आएं और मतदान केंद्रों पर पूरी मजबूती से डटे रहें।
घटना की जानकारी मिलते ही बाढ़ थाना प्रभारी ब्रजकिशोर सिंह अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया, “हमें सूचना मिली थी कि बेढ़ना गांव में जनसंपर्क के दौरान पथराव हुआ। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। फिलहाल कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन जांच जारी है। स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है।” स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पुलिस इलाके में निगरानी बढ़ा दी है ताकि चुनावी माहौल में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
बाढ़ विधानसभा सीट इस बार बेहद रोचक मानी जा रही है। यहां राजपूत मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन यादव, कुर्मी, भूमिहार और दलित वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में राजद ने यादव समुदाय को साधने के लिए लल्लू मुखिया पर दांव खेला है।
लल्लू मुखिया का राजनीतिक सफर पंचायत स्तर से शुरू हुआ था। वे स्थानीय राजनीति में अपने प्रभाव, जनसंपर्क और तेजतर्रार शैली के लिए जाने जाते हैं। क्षेत्र में उनका जनाधार और नेटवर्क मजबूत माना जाता है। हालांकि, उन पर बाहुबली छवि का ठप्पा भी लगा हुआ है, जिसे विपक्षी दल अक्सर चुनावी मुद्दा बनाते हैं।
Updated on:
22 Oct 2025 03:37 pm
Published on:
22 Oct 2025 03:36 pm
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