festival Special train and flight
Festival Special: बिहार में दिवाली और छठ का मौसम शुरू होते ही प्रवासियों के घर लौटने की खुशी हर तरफ दिखाई दे रही है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद जैसे महानगरों से इन दिनों हजारों लोग बिहार की ओर रवाना हो रहे हैं। यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे और एयरलाइंस दोनों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए अब तक 51 पूजा स्पेशल ट्रेनों की सूची जारी की जा चुकी है। एयरलाइंस ने 11 अतिरिक्त उड़ानों के संचालन की भी घोषणा की है।
पटना एयरपोर्ट पर इस बार त्योहारों के मौसम में यात्री संख्या में करीब 30 से 40 प्रतिशत तक इज़ाफा होने का अनुमान है। एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, त्योहार के दौरान रोजाना औसतन 4000 यात्रियों का आवागमन दर्ज किया जाएगा। इस बढ़ती भीड़ को देखते हुए एयर इंडिया, इंडिगो, एयर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट जैसी विमानन कंपनियों ने पटना के लिए अपने शेड्यूल में बदलाव किया है।
त्योहारों के दौरान सबसे व्यस्त रूट अब भी दिल्ली-पटना-दिल्ली ही है। एयरलाइंस की वेबसाइटों और ट्रैवल ऐप्स के मुताबिक, दीपावली-छठ के बीच इस मार्ग पर सीटें लगभग फुल हैं।
त्योहार से पहले टिकट बुक करने वाले यात्रियों को आमतौर पर 4,000 से 6,000 रुपये की कीमत वाले टिकटों के लिए 20,000 से 30,000 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। टिकट बुकिंग वेबसाइट IXIGO के अनुसार, दिवाली से एक दिन पहले, 19 अक्टूबर के लिए हवाई टिकटों का किराया इस प्रकार है...
नोट: विभिन्न वेबसाइटों और अलग-अलग समय पर कीमतों में बदलाव संभव है।
त्योहारों में बिहार आने वालों के लिए रेलवे ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पूर्व मध्य रेलवे की ओर से अब तक 51 पूजा स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जो दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता और गुवाहाटी जैसे शहरों से बिहार के प्रमुख जिलों पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, छपरा और सिवान तक चलेंगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इन ट्रेनों में भी टिकटों की मांग बेहद तेज़ है। कई रूट पर वेटिंग लिस्ट 250 से ऊपर पहुंच चुकी है। पैसेंजर की सुविधा के लिए रेलवे ने पटना, आरा, बक्सर और भागलपुर स्टेशनों पर अस्थायी टिकट काउंटर और अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था भी की है।
गौर करने वाली बात यह है कि इस बार बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। निर्वाचन आयोग चाहती है कि छठ और चुनाव दोनों में कोई बाधा न आए। छठ के बाद ही मतदान की तिथियां तय की गई हैं ताकि अधिक से अधिक लोग अपने घर लौट सकें और वोट देने में भाग ले सकें।
Published on:
10 Oct 2025 11:33 am
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