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Pali Crime: दिवाली पर घर आए युवक की हत्या मामले में 3 बदमाश गिरफ्तार, पुलिस ने निकाला पैदल मार्च

Pali Crime: सीओ सिटी राजेंद्र उज्जवल ने बताया कि हत्या के मामले में पुलिस ने धीरेंद्र उर्फ धीरज (21) पुत्र घीसूलाल लौहार, महेंद्र सिंह (30) पुत्र रतन सिंह रावत और प्रकाश उर्फ परिया (33) पुत्र सुखाराम को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चौथा आरोपी बजरंग खटीक अब भी फरार है।

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पाली

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Kamal Mishra

Oct 28, 2025

pali crime

बदमाशों का पैदल मार्च निकालती पुलिस (फोटो-पत्रिका)

पाली। शहर में 24 अक्टूबर को हुई युवक जितेंद्र मेघवाल की हत्या के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार तीन आरोपियों का मंगलवार दोपहर ढोल-नगाड़ों के साथ सार्वजनिक पैदल मार्च कराया। अम्बेडकर सर्किल से शुरू हुआ यह मार्च कोर्ट परिसर तक निकाला गया। इस दौरान आरोपी लंगड़ाते हुए और हाथ जोड़कर चलते नजर आए। पूरे रास्ते शहरवासी मोबाइल से उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाते रहे। इसी बीच मृतक की रिश्ते में एक महिला ने आरोपियों को थप्पड़ मारने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उसे रोक दिया।

घटना पाली के औद्योगिक थाना क्षेत्र के अम्बेडकर नगर की है, जहां 24 अक्टूबर को चार बदमाशों ने 32 वर्षीय जितेंद्र मेघवाल पर चाकू से हमला कर दिया था। गंभीर हालत में उसे बांगड़ अस्पताल लाया गया, जहां से 25 अक्टूबर को जोधपुर रेफर किया गया। उपचार के दौरान 26 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।

एक बदमाश फरार

सीओ सिटी राजेंद्र उज्जवल ने बताया कि हत्या के मामले में पुलिस ने धीरेंद्र उर्फ धीरज (21) पुत्र घीसूलाल लौहार, महेंद्र सिंह (30) पुत्र रतन सिंह रावत और प्रकाश उर्फ परिया (33) पुत्र सुखाराम को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चौथा आरोपी बजरंग खटीक अब भी फरार है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट ले जाने से पहले शहर के प्रमुख मार्गों से पैदल घुमाया गया। पुलिस ने उनकी बनियान पर 'हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर' लिखा हुआ था।

पुलिस जिंदाबाद के लगे नारे

एसपी आदर्श सिंधु ने बताया कि इस मार्च का उद्देश्य समाज में यह संदेश देना था कि अपराधी किसी भी हालत में बच नहीं सकते। शहरवासियों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए 'पाली पुलिस जिंदाबाद' के नारे लगाए।

मृतक की नहीं थी दुश्मनी

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, आरोपी महेंद्र सिंह के खिलाफ 22, प्रकाश के खिलाफ 15, और धीरेंद्र के खिलाफ 1 आपराधिक मामला पहले से दर्ज है। परिजनों के अनुसार, मृतक जितेंद्र पिछले दस साल से अहमदाबाद में सिलाई का काम करता था और दीपावली मनाने घर आया था। उसकी शादी को आठ साल हुए थे और वह पांच साल के बेटे का पिता था। परिवार का कहना है कि हमलावरों से उसका कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं था।