
प्रतीकात्मक तस्वीर
पाली। नाबालिग के अपहरण व बलात्कार के आरोपी को न्यायालय ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपी को अर्थदंड से भी दंडित किया गया। पीड़िता के पिता ने 24 फरवरी को पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें बताया कि वे सुबह मजदूरी पर गए थे। जब दोपहर में खाना खाने घर आए तो उनकी बेटी घर पर नहीं थी।
उन्होंने बताया कि शाम को बेटी का फोन आया कि वह घर आ रही है, लेकिन वह नहीं लौटी। जिस फोन से उसने कॉल किया था, वह भी स्विच ऑफ हो गया। पीड़िता के पिता ने पाली के थाने में दी गई रिपोर्ट में एक आरोपी पर बेटी को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की आशंका जताई थी। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को 12 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया।
विशेष न्यायालय (लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम 2012 तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005) न्यायालय संख्या-2 के वरिष्ठ लोक अभियोजक मनीष ओझा ने बताया कि आरोपी नाबालिग को मोटरसाइकिल से एक गांव के धार्मिक स्थल पर जाने का कहकर ले गया। वहां सुनसान जगह पर उसने बलात्कार किया।
इसके बाद वह नाबालिग को बिलाड़ा होकर सोजत सिटी ले गया और वहां से बस द्वारा अहमदाबाद पहुंचा। अहमदाबाद में काम की तलाश में घूमते हुए दोनों पुलिस को मिले। इसके बाद उन्हें पाली के थाने लाया गया। इस मामले में न्यायाधीश निहालचंद ने दोषी मनोहर को आजीवन कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।
Published on:
02 Nov 2025 03:34 pm
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