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सम्पादकीय : जनता का लॉकडाउन पाक के मुंह पर करारा तमाचा

सरकार के खिलाफ जनता के लॉकडाउन का ऐलान बताता है कि जनता पाक शासन की नीतियों से तंग आ चुकी है। पीओजेके के आंदोलनरत लोगों की मांगों की सुनवाई करने के बजाए इसे कुचलने के प्रयास हो रहे हैं।

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पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेकेे) में जनता पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को बेनकाब करने मेंं जुटी है। सरकार के खिलाफ जनता के लॉकडाउन का ऐलान बताता है कि जनता पाक शासन की नीतियों से तंग आ चुकी है। पीओजेके के आंदोलनरत लोगों की मांगों की सुनवाई करने के बजाए इसे कुचलने के प्रयास हो रहे हैं। अब तो दुनिया यह जान चुकी है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को सिर्फ भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लॉचिंग पैड के रूप में ही इस्तेमाल किया जाता रहा है। नागरिकों के दु:ख-दर्द से उसका कोई सरोकार नहीं है।
आर्थिक मोर्चे पर तंगी की शिकार पाकिस्तान की सरकार ने सदैव अपने कब्जे वाले इस इलाके की अनदेखी ही की है। यही वजह है कि पीओजेके में पानी, बिजली, अस्पताल, स्कूल, सडक़, परिवहन व अन्य आधारभूत संसाधनों से लेकर खाद्य सामग्री तक का संकट रहता है। आटे तक के लिए तो वहां आए दिन त्राहि-त्राहि मच जाती है। सब यह भी जानते हैं कि पाकिस्तान खुद भी अमरीका और कुछ अरब देशों के रहमोकरम पर आश्रित है। हालत यह हो गए हैं जो देश अपने खुद के नागरिकों का खयाल नहीं रख पा रहा वह भला अपने कब्जे वाले क्षेत्र के लोगों की सुध क्यों लेने लगा? पीओजेके के नागरिक भी इस अंतर को अच्छी तरह देख रहे हैं कि भारत में देश का स्वर्ग कहलाने वाला जम्मू-कश्मीर हर क्षेत्र में प्रगति और विकास के सोपान-दर-सोपान तय कर कहां से कहां पहुंच गया और पाक शासन की अनदेखी से वे दुर्दशा की इंतहा भोग रहे हैं। यह सच है कि भारत को भी कश्मीर को संवारने में वक्त लगा है। अभी विकास के कई काम और हो रहे हैं। कुछ समय लगा है तो वो भी इसलिए कि पाकिस्तान नेे इस क्षेत्र में लगातार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देकर क्षेत्र को अस्थिर करने का काम किया। सबसे बड़ी बात यह है कि पीओजेके के आम नागरिक इस बात के कतई हिमायती नहीं है कि उनकी जमीन को आतंक को प्रश्रय व प्रोत्साहन देने जैसी गतिविधियों में काम लिया जाए। पाक शासन के जुल्म की इंतहा ने अब पीओजेके के लोगों को उग्र आंदोलन करने को मजबूर कर दिया है। वहां सोमवार को शुरू हुआ जनता लॉकडाउन अनिश्चितकालीन तो है ही, साथ ही अपनी आजादी की मांग का बिगुल भी है।
पीओजेके के लोग क्या चाहते हैं यह भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही भांप लिया था। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि पीओजेके को वापस लेने के लिए भारत को किसी सैन्य कार्रवाई की जरूरत नहीं होगी। एक दिन वहां के नागरिक खुद भारत में शामिल हो जाएंगे। आज वहां से आजादी की मांग उठी है तो वह समय भी दूर नहीं, जब उधर से भारत में शामिल होने की गूंज भी उठेगी। पाक को उसकी करतूतों की सजा मिलनी ही चाहिए।