श्रीगंगानगर.शहर के एक सरकारी स्कूल में साढ़े पांच साल की बच्ची के साथ हुई ज्यादती के मामले में शिक्षा विभाग ने तीन अध्यापिकाओं को निलंबित कर दिया है। यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। जांच में पता चला कि विद्यालय की इंचार्ज सहित तीन शिक्षिकाओं ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया और समय पर आवश्यक कार्रवाई तक नहीं की। वहीं, पुलिस इस प्रकरण की अलग से जांच कर रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सत्यप्रकाश टेलर ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट सीडीईओ को सौंप दी गई थी। उनके निर्देश पर विभाग ने दोषी अध्यापिकाओं के खिलाफ कार्रवाई की। निलंबित अध्यापिकाओं में रीतू मित्तल, स्वीटी काठवाल और पुष्पा बराला शामिल हैं। तीनों को बुधवार को निलंबित किया गया। मित्तल का मुख्यालय सीबीइओ ऑफिस पदमपुर, काठवाल का सादुलशहर और बराला का मुख्यालय संबंधित कार्यालयों में भेजा गया।
प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया
जांच में यह भी सामने आया कि घटना की सूचना स्टाफ ने संबंधित विद्यालय की इंचार्ज पुष्पा बराला को दी थी, लेकिन उन्होंने इसे उच्चाधिकारियों तक नहीं पहुंचाया। अन्य शिक्षकों ने भी प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के डीईओ हीरा लाल बिश्नोई ने दोषी पाए गए इंचार्ज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया।
तीन अध्यापिकाओं को निलंबित कर दिया
जांच रिपोर्ट में दोषी पाई गई इंचार्ज सहित तीन अध्यापिकाओं को निलंबित कर दिया गया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।