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संयुक्त संचालक ने कहा बिना लायसेंस बाहर खरीदी कर रहे व्यापारियों पर तत्काल करें कार्रवाई, दुकानों के शटर हो गए बंद

मंडी कर्मचारियों की मिलीभगत से कर रहे हैं खरीदी, व्यापारी संघ, किसान संघ के पदाधिकारियों से की चर्चा

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The joint director said immediate action should be taken against traders buying goods without a license

किसान संगठन और व्यापारी संघ के पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए संयुक्त संचालक

बीना. कृषि उपज मंडी में बुधवार की दोपहर मंडी बोर्ड के संयुक्त संचालक आरपी चक्रवर्ती पहुंचे और एसडीएम विजय डेहरिया के साथ व्यापारी संघ, किसान संघ के पदाधिकारी और हम्माल व तुलावटियों से विभिन्न विषयों पर चर्चा की। साथ ही सचिव कमलेश सोनकर को शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
चर्चा के दौरान मंडी के सामने बिना लायसेंस के सैकड़ों क्विंटल उपज खरीदी करने की बात सामने आई, जिसपर पर संयुक्त संचालक ने सचिव पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने तत्काल दुकानों पर कार्रवाई कर सील करने के निर्देश दिए। उन्होंने जैसे ही कार्रवाई के निर्देश दिए उसके बाद दुकानें बंद हो गईं, क्योंकि यह सब कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा है और राजस्व का क्षति पहुंचाई जा रही है। उन्होंने सचिव से कैंटीन बंद होने का कारण पूछा, जिसपर उन्होंने किराया जमा न होना बताया और दूसरे नंबर का टेंडर डालने वाले व्यक्ति से जल्द कैंटीन शुरू कराने की बात कही। संयुक्त संचालक ने सोयाबीन की खरीदी के लिए अलग व्यवस्था करने के लिए कहा है और भावांतर योजना शुरू होते ही 24 अक्टूबर से 17 जनवरी तक के अलग-अलग जगहों के सीसीटीवी फुटेज देने के लिए सचिव से कहा है, तभी भुगतान होगा। किसान संघ के पदाधिकारियों ने अन्य समस्याओं से भी अवगत कराया।

मंडी में बिना लायसेंस के कर रहे खरीदी
संयुक्त संचालक को यह भी जानकारी मिली कि मंडी के अंदर बिना लायसेंस के व्यापारी उपज खरीद हैं, जिसपर उन्होंने नाराजगी जताते हुए सचिव को निर्देशित किया है। हम्माल संघ अध्यक्ष विक्रम अहिरवार ने कहा कि बिना लायसेंस के कुछ हम्माल भी काम कर रहे हैं और इसकी शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है।

धर्मकांटे पर तौल को लेकर हुई चर्चा, नहीं बनी सहमति
किसान संगठनों से मौजूद संभागीय अध्यक्ष सीताराम ठाकुर, जिलाध्यक्ष प्रतिपाल सिंह, अरविंद पटेल और दशरथ अहिरवार ने किसानों के उपज की तौल धर्मकांटे पर कराने की बात रखी। जिसपर व्यापारी संघ अध्यक्ष संदीप जैन ने कहा कि दस टन का धर्मकांटा लगाया जाए, क्योंकि बड़े कांटे पर करीब 20 किलो तक कम तौल आती है। जिसपर धर्मकांटा संचालक ने कहा कि व्यापारी मील पर बड़े कांटों पर तौल कराते हैं और वहां अंतर की बात नहीं की जाती है। मंडी में तौल कराने में परेशानी है। चर्चा के बाद सीजन पर सबसे ज्यादा आने वाली उपज की धर्मकांटे पर तौल करने पर सहमति बनी और इसके लिए तुलावटी को रुपए नहीं मिलेंगे और हम्मालों को किसान 7 रुपए क्विंटल देंगे, लेकिन तुलावटी इससे सहमत नहीं हैं, जिससे अब 25 अक्टूबर को फिर बैठक होगी।