जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर नेहरा नदी के खराड़ी घाट पर दिखता है यह नजारा - वनग्राम टिकरिया से छह किमी दूर है मीडिल स्कूल धुरेंदा
बालाघाट. पढऩे के लिए बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पा कर रहे हैं। ऐसा वे लंबे समय से कर रहे, लेकिन विकास के बड़े-बड़े दावे और जिले के खदानों से अरबों की कमाई करने वाली सरकार के नुमाइंदों को शायद यह दृश्य नजर नहीं आ रही या वे किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। यह बात शनिवार को छात्रों के नदी पार करते समय का दृश्य कैमरे में कैद होने के बाद कही जा रही है।
यदि आपको भी पढऩे के लिए बच्चों के इस संघर्ष को देखना हो तो जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर नेहरा नदी के खराड़ी घाट चले आइए। स्कूल जाने और छुट्टी के बाद बच्चों के घर लौटने के समय प्राय: यह नजारा दिखता है।
परसवाड़ा क्षेत्र के वनग्राम टिकरिया में कक्षा पांचवीं तक स्कूल है। इससे आगे पढऩे बच्चों को छह किमी दूर साइकिल से मीडिल स्कूल धुरेंदा जाना पड़ता है। रास्ते पर पडऩे वाला नेहरा नदी के खराड़ी घाट किनारे पहले वे कपड़े निकालते हैं। स्कूल बैग पत्थर पर रखते हैं फिर कंधे पर साइकिल रखकर नदी पार करते हैं।
कक्षा छठवीं में पढऩे वाले सचिन, राजेश व अजय ने बताया कि कंधे पर साइकिल रखकर पार करते समय वे बैग साथ नहीं रखते। ऐसा क्यों? पूछने पर बताया कि उनको डर रहता है कि साइकिल संभालने में यदि बैग नदी में गिर गया तो उनकी कॉपी-किताब भींग जाएगी। इसलिए वे दो बार नदी पार करते हैं। उनका कहना है कि जब नदी में पानी बढ़ जाता है तो वे स्कूल जाना बंद कर देते हैं।
भूतपूर्व प्रधानमंत्री से मिलता हैं बच्चों का संघर्ष
भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री का जन्म 1904 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पास (तब मुगलसराय अब शास्त्री नगर) हुआ था। बचपन में अंग्रेजी हुकूमत के समय वे गंगा नदी पारकर स्कूल पढऩे जाते थे। वर्ष 1964-66 तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के करीब 59 साल पार हो चुके हैं, लेकिन देश में आज भी बच्चे नदी पारकर स्कूल जा रहे हैं।
जिले के नेहरा नदी के खराड़ी घाट को पार कर स्कूल जाने वाले बच्चों का संघर्ष उनसे मिलता है। लेकिन यदि तुलना करें तो वनग्राम टिकरिया के बच्चों का संघर्ष भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. शास्त्री के बचपन में पढऩे के लिए किए गए संघर्ष से अधिक है।
वर्जन - एक मैंने नदी पर पुल बनाने की स्वीकृति करा दी है। पीडब्लूडी ने जल्द ही टेंडर जारी करने का आश्वासन दिया है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नदी पर पुल का निर्माण शीघ्रता से करवाया जाएगा। - मधु भगत, विधायक विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा
वर्जन - मुझे इसकी जानकारी नहीं है। बीईओ से इस संबंध में बात करेंगे। छात्रों के लिए जो बेहतर होगा करवाया जाएगा। - मधुवंत राव धुर्वे, एसडीएम परसवाड़ा।
Published on:
08 Sept 2025 06:16 pm
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