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किड्स कॉर्नर चित्र देखो कहानी लिखो 50…. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां परिवार परिशिष्ट (8 अक्टूबर 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 50 में भेजी गई ये कहानियां सराहनीय रही हैं।

किड्स कॉर्नर चित्र देखो कहानी लिखो 50…. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां परिवार परिशिष्ट (8 अक्टूबर 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 50 में भेजी गई ये कहानियां सराहनीय रही हैं।

13 min read

जयपुर

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Tasneem Khan

Oct 14, 2025

किड्स कॉर्नर चित्र देखो कहानी लिखो 50.... बच्चों की लिखी रोचक कहानियां परिवार परिशिष्ट (8 अक्टूबर 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 50 में भेजी गई ये कहानियां सराहनीय रही हैं।

उदास मत हो, सूरज फिर चमकेगा
एक बार की बात है, एक छोटी सी बस्ती में टिया नाम की प्यारी बच्ची रहती थी। उसे खिलौने बहुत पसंद थे, पर उसका सबसे प्रिय खिलौना था — एक नरम, सुनहरा टेडी बियर, जिसका नाम उसने "टोनी" रखा था। टिया टोनी से बातें करती, उसे कहानियां सुनाती और हर जगह साथ ले जाती। एक दिन टिया बगीचे में खेल रही थी। उसने देखा कि उसके फूल मुरझा गए हैं। वह उदास हो गई। तभी एक हल्की हवा चली और पास खड़ा गुलाबी फूल मुस्करा उठा। टिया को लगा जैसे फूल कह रहा हो, "उदास मत हो, सूरज फिर चमकेगा।" टिया मुस्कराई और अपने टोनी को कसकर गले लगा लिया। उसी समय एक रंगीन तितली आई और टोनी की नाक पर बैठ गई। टोनी मुस्कराने लगा, जैसे वह सचमुच जिंदा हो गया हो। टिया की आंखों में चमक आ गई। उसने कहा, "देखो टोनी! अब तुम भी मेरे सच्चे दोस्त बन गए हो।" उस दिन से टिया हर सुबह बगीचे में जाकर फूलों से बातें करती, तितलियों को उड़ते देखती और टोनी के साथ हंसती। धीरे-धीरे बगीचा फिर खिल उठा।
टिया ने सीखा कि अगर हम अपने आसपास प्यार और मुस्कान बांटें, तो दुनिया अपने आप रंगों से भर जाती है।
पुलकित कुमार, आयु-13 वर्ष


पायल का जादुई टेडी बियर
एक बार की बात है, पायल नाम की एक प्यारी-सी लडक़ी थी। उसे अपने पिता से बहुत प्यार था। एक दिन उसके पिता किसी काम से बाहर चले गए। उनके जाने के बाद पायल बहुत उदास रहने लगी। कुछ दिनों बाद पायल का जन्मदिन आया। उसकी मां ने उसे एक सुंदर टेडी बियर उपहार में दिया। पायल ने उसका नाम रखा "टिडू"। वह टिडू से बातें करती, उसके साथ खेलती और अक्सर सोचती — "काश! टिडू बोल पाता।" एक दिन पायल अपने बगीचे में अकेली बैठी थी। तभी उसने महसूस किया कि किसी ने उसके कंधे पर हल्के से हाथ रखा है। जब उसने पीछे मुडकऱ देखा तो वह हैरान रह गई — वहां टिडू खड़ा था! टिडू मुस्कराकर बोला, "पायल, तुम उदास मत हो। अगर तुम यूं ही उदास रहोगी, तो ये फूल भी तुम्हारी तरह मुरझा जाएंगे। तुम खुश रहोगी, तो ये फूल भी मुस्क राने लगेंगे।" यह सुनकर पायल मुस्करा उठी। उसकी उदासी गायब हो गई और उसके बगीचे के फूल पहले से ज्यादा खिल उठे।
अक्षत झारवाल, उम्र- 10 वर्ष


मैत्री का खिलोना
जहां हवा में ताजी घास की मीठी खुशबू घुल रही थी और रंग-बिरंगी तितलियां फूलों के चारों ओर नृत्य कर रही थीं, वहां एक छोटी लडक़ी अपने सबसे प्यारे साथी के साथ बैठी थी। उसका नाम लीला था। उसके भूरे बाल दो चोटी में बंधे थे और उसने एक पीली फ्रॉक पहन रखी थी, जिस पर धारीदार मोजे थे। वह शांत और खुश दिखाई दे रही थी, मानो उसे दुनिया की किसी बात की परवाह न हो। लीला के बगल में उसका पुराना, नरम और पीला टेडी बियर था, जिसका नाम टेडी था। टेडी की आंखों में धागे के टांके थे और उसके होंठों पर एक मासूम-सी मुस्कान थी, जो हमेशा लीला को सुकून देती थी। टेडी लीला के लिए सिर्फ एक खिलौना नहीं, बल्कि एक सच्चा दोस्त था, जिसने उसके हर सुख-दुख में उसका साथ दिया था। इस पल, एक सुंदर गुलाबी फूल उनके पास खिल रहा था, जो उनकी प्यारी दोस्ती का जश्न मनाता लग रहा था। इस शांत और सुकून भरे पल में, लीला और टेडी एक दूसरे के साथ बैठे थे और उनके बीच दोस्ती का एक गहरा, अनकहा एहसास था। यह ऐसी दोस्ती थी जहां कल्पना और प्यार उस गुलाबी फूल की तरह खिलते थे। घास का मैदान, खिलता हुआ फूल और लीला व टेडी की अटूट दोस्ती - यह सब मिलकर एक सुंदर कहानी बना रहे थे, जिसमें दोस्ती ही सबसे प्यारा एहसास था।
ह्रदयांश पंचोली, उम्र 11 वर्ष


सच्ची दोस्ती
रंग-बिरंगे फूलों और तितलियों से भरे एक सुंदर बगीचे में एक प्यारा-सा टेडी भालू रहता था। उसका नाम था टेडू। टेडू बहुत दयालु था, पर अक्सर अकेला महसूस करता था। वह रोज लाल फूल के पास बैठकर सोचता — "काश! मेरा कोई सच्चा दोस्त होता।" एक दिन एक छोटी परी बगीचे में आई। उसके पंख नीले थे और चेहरे पर प्यारी मुस्कान थी। वह बहुत थकी हुई थी। टेडू ने तुरंत कहा, "तुम थक गई हो, मेरे पास बैठो।" टेडू ने अपने हाथ से पंखा बनाकर उसे हवा दी और पानी पिलाया। परी बहुत खुश हुई और बोली, "तुम बहुत अच्छे हो, क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?" दोनों ने खूब खेला— तितलियों के पीछे भागे, फूलों को गाना सुनाया और आसमान के बादलों को हंसाया। शाम को जब परी को जाना था, तो टेडू उदास हो गया। परी ने कहा, "मैं रोज नहीं आ सकती, लेकिन जब भी हवा चलेगी और फूल मुस्कराएंगे, समझ लेना कि मैं तुम्हारे पास हूं।" टेडू ने मुस्कराकर कहा, "सच्चा दोस्त वही होता है जो दिल में हमेशा साथ रहे, भले दूर क्यों न हो।" सीख- सच्ची दोस्ती सिर्फसाथ खेलने या मिलने में नहीं होती, बल्कि एक-दूसरे की मदद करने और दिल से जुड़े रहने में होती है।
खुशी व्यास, उम्र-10 वर्ष, जालोर


कहानी का शीर्षक - सच्ची दोस्ती
एक दिन एक प्यारी सी बच्ची अल सुबह-सुबह बगीचे में खेलने गई। वह फूलों और तितलियों के बीच दौड़ रही थी कि अचानक उसकी नजर एक पीले रंग के टेडी बियर पर पड़ी। टेडी फूल के पास चुपचाप बैठा था और बहुत उदास लग रहा था। अनु उसके पास गई और बोली, "हैलो दोस्त! तुम यहां अकेले क्यों बैठे हो?" टेडी ने धीरे से कहा, "मैं खेलते-खेलते अपने दोस्तों से बिछड़ गया हूं। अब मुझे बहुत अकेलापन महसूस हो रहा है।" अनु ने मुस्कराते हुए कहा, "कोई बात नहीं, अब मैं तुम्हारी दोस्त हूं!" इतना सुनते ही टेडी के चेहरे पर मुस्कान आ गई। दोनों ने मिलकर बातें कीं खेल खेले और तितलियों को उड़ते हुए देखा। फूलों की खुशबू से वातावरण और भी सुंदर लगने लगा। शाम होते-होते अनु ने कहा, "अब मुझे घर जाना होगा, पर मैं कल फिर आऊंगी।" अगले दिन जब अनु बगीचे में आई, तो टेडी ने उसके लिए एक सुंदर गुलाबी फूल तोड़ रखा था। अनु बहुत खुश हुई और बोली, "यह सबसे अच्छा तोहफा है — एक सच्चे दोस्त की तरफ से!" उस दिन से अनु और टेडी रोज मिलते, हंसते और खेलते रहते। दोनों की दोस्ती सच में बहुत प्यारी थी। शिक्षा- सच्ची दोस्ती में रूप या रंग नहीं देखा जाता।
चिराग वर्मा, उम्र 13 साल


"काश हम भी इस तितली की तरह उड़ पाते

एक समय की बात है, एक छोटी सी बच्ची थी जिसका नाम रिया था। रिया को खिलौनों से बहुत प्यार था, लेकिन उसका सबसे अच्छा दोस्त उसका टेडी बियर था, जिसका नाम 'बडी' था। रिया और बडी हमेशा साथ-साथ खेलते थे। एक दिन, वे दोनों अपने घर के पास एक सुंदर बगीचे में बैठे थे। रिया ने बडी को बताया, "देखो बडी, यह फूल कितना बड़ा और सुंदर है।" बडी ने मुस्क राते हुए कहा, "हां, यह बिल्कुल हमारे सपनों जैसा है।" तभी एक रंगीन तितली उनके पास से उड़ती हुई गई। रिया ने कहा, "काश हम भी इस तितली की तरह उड़ पाते!" बडी ने रिया का हाथ पकड़ा और धीरे से कहा, "रिया, हम उड़ नहीं सकते, लेकिन हम अपनी कल्पना में कहीं भी जा सकते हैं।" रिया ने अपनी आंखें बंद कर लीं और कल्पना करने लगी कि वह और बडी तितली के साथ बादलों के ऊपर उड़ रहे हैं। वे दोनों बहुत खुश थे। उन्होंने यह सीखा कि सच्ची खुशी और रोमांच बाहर की दुनिया में नहीं, बल्कि हमारे अपने दिल और कल्पना में होते हैं।
ध्रुव अग्रवाल, उम्र 7 साल।


कहानी- गडिय़ा और टेडी की दोस्ती
गुडिय़ा एक छोटी और प्यारी सी बच्ची थी। उसे फू लों, तितलियों और अपने खिलौनों से बहुत प्यार था। उसके पास एक प्यारा-सा टेडी बियर था, जिसका नाम उसने "सनी" रखा था। गुडिय़ा सनी से ऐसे बातें करती थी जैसे वह उसका सबसे अच्छा दोस्त हो। हर सुबह वह सनी को लेकर बगीचे में जाती, फूलों को पानी देती और तितलियों को उड़ते हुए देखती। एक दिन गुडिय़ा बहुत उदास थी क्यो कि उसकी सबसे अच्छी सहेली शहर छोडकऱ चली गई थी। वह बगीचे में जाकर सनी के पास बैठ गई और बोली, "अब मैं किससे बात करूं गी, सनी?" यह सुनक र सनी मुस्कराया जैसे कह रहा हो, "मैं तो हूं न, तुम्हारा दोस्त!" गुडिय़ा ने हंसते हुए उसे गले लगा लिया। तभी एक तितली उड़ती हुई आइ और सनी की नाक पर बैठ गई। गुडिय़ा खिलखिला कर हंस पड़ी। उसने महसूस किया कि प्रकृ ति भी उसकी सच्ची दोस्त है—फूल, तितलियां और सनी सब उसे खुश करने आए हैं। गुडिय़ा ने तय किया कि अब वह कभी अकेली महसूस नहीं करेगी। उसने सनी से कहा, "हम रोज बगीचे आएंगे और नए दोस्तों से मिलेंगे।" सनी चुपचाप मुस्कुराता रहा। उस दिन के बाद गुडिय़ा और सनी हर सुबह बगीचे में जाते, तितलियों के संग खेलते और फूलों से बातें करते। उनकी दोस्ती अब केवल खिलौने और बच्ची की नहीं रही, बल्कि दिल से दिल की एक सच्ची दोस्ती बन गई थी। सीख- सच्ची दोस्ती केवल इंसानों में नहीं होती, बल्कि वह हर उस चीज में छिपी होती है जो हमें मुस्कुराना सिखाती है।
निशांत श्वामी, उम्र 7 वर्ष


कहानी का नाम गोलू टेडी और गुड़िया की दोस्ती
गुडिय़ा 13 साल की एक प्यारी लड़की थी। उसे खेलना बहुत पसंद था, लेकिन उसके घर के आस-पास कोई बच्चा नहीं रहता था। इसलिए वो अक्सर अकेली महसूस करती थी। एक दिन उसकी मैंने कहा, गुडिय़ा, तुम अपने टेडी गोलू से दोस्ती क्यों नहीं कर लेती? गुडिय़ा ने मुस्कुराते हुए कहा, वो तो बोलता नहीं मां, मां बोलीं, "सच्ची दोस्ती बोलने से नहीं, समझने से होती है।" उस दिन से गोलू उसका सबसे अच्छा दोस्त बन गया। वो दोनों साथ में बैठते, बातें करते और कहानियां बनाते। एक दिन जब गुड़िया चित्र बना रही थी, उसके रंग खत्म हो गए। वह बहुत उदास हो गई। तभी उसने देखा कि एक सुंदर तितली एक बड़े गुलाबी फूल पर बैठी है। तितली के पंखों के रंग देखकर उसे एक शानदार विचार आया! उसने फूल की पंखुडिय़ों और पत्तों से रंग बनाए और अपनी पेंटिंग पूरी कर ली।
गुड़िया बहुत खुश हुई। गुड़िया ने सीखा —" सच्चा दोस्त वो है जो हमें हिम्मत देता है।"
नव्या पवार, उम्र 12 साल


दोस्ती और खुशी का संगम
एक छोटी लडक़ी और उसका पीला टेडी बियर एक सुंदर घास के मैदान में खेल रहे थे। टेडी बियर ने एक बड़ा गुलाबी फूल पकड़ा हुआ था, जो हवा में हल्के से झूल रहा था। लडक़ी अपने टेडी के साथ खुशी से मुस्करा रही थी। पास में एक छोटी सी लाल तितली उड़ रही थी, जो उनके इस खुशनुमा पल को और भी रंगीन बना रही थी। लडक़ी और टेडी बियर दोनों एक-दूसरे के साथ समय बिता रहे थे, प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले रहे थे। यह एक प्यारा और शांतिपूर्ण पल था, जहां दोस्ती और खुशी का संगम था। लड़की का टेडी बियर उसके लिए एक सच्चा साथी था और वे साथ में हरपल को खास बनाते थे।
तन्मय सिंह राजावत, उम्र-9 वर्ष


सच्ची दोस्ती
एक दिन नन्ही परी जंगल में घूमने निकली। चारों ओर फूल खिले थे और तितलियां उड़ रही थीं। तभी उसने देखा कि एक प्यारा टेडी बियर पेड़ के नीचे उदास बैठा है। परी ने पास जाकर पूछा, "क्या हुआ, तुम इतने चुप क्यों हो?" टेडी ने धीमे से कहा, "मेरा कोई दोस्त नहीं है, जो मेरे साथ खेले।" परी मुस्कराई और बोली, "अब मैं तुम्हारी दोस्त बनूंगी।" यह सुनकर टेडी का चेहरा खिल उठा। दोनों ने साथ में खेलना शुरू किया, फूल तोड़े, तितलियों के पीछे भागे और खूब हंसे। शाम होने पर परी बोली, "दोस्त, मैं कल फिर आऊं गी।" उस दिन से हर सुबह वे मिलते, बातें करते और खुशियां बांटते। अब टेडी कभी उदास नहीं होता, क्योंकि उसे मिल गई थी सच्ची और प्यारी दोस्ती।
अनय नामा उम्र-13 वर्ष


सच्ची दोस्ती का खजाना
एक छोटी लडक़ी और उसका टेडी बियर एक सुंदर बगीचे में खेल रहे थे। लडक़ी के बाल भूरे रंग के थे और उसने पीले रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी। टेडी बियर पीले रंग का था और उसके शरीर पर भूरे रंग की सिलाई थी। वे दोनों एक साथ बहुत खुश थे और खेलते हुए समय बिता रहे थे। लडक़ी ने टेडी बियर को गले लगाया और कहा, "तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो।" टेडी बियर मुस्कराया और वे दोनों साथ में खुश थे। लडक़ी ने टेडी बियर के साथ खेलने के लिए कई खेल सोचे और वे दोनों एक साथ खेलने लगे। समय बीत गया और लडक़ी बड़ी हो गई, लेकिन उसने टेडी बियर को कभी नहीं भुलाया। वह हमेशा उसे अपने साथ रखती थी और उसकी यादों को संजोए रखती थी। लडक़ी ने सीखा कि सच्ची दोस्ती सबसे बड़ा खजाना है और इसे कभी नहीं खोना चाहिए।
त्रिशा मीना, उम्र 10 साल


प्रकृति कितनी अद्भुत और सुंदर चीजों से भरी हुई
एक समय की बात है, एक छोटी बच्ची थी जिसका नाम रिया था। रिया को अपनी टेडी बियर बहुत पसंद थी, जिसका नाम उसने 'बबली' रखा था। बबली हमेशा रिया के साथ रहती थी, चाहे वह खेल रही हो या सो रही हो। एक खूबसूरत दोपहर, रिया और बबली बगीचे में खेलने गए। सूरज चमक रहा था और फूलों की खुशबू हवा में घुली हुई थी। रिया ने एक सुंदर गुलाबी फूल देखा, जिसके पास वह और बबली बैठ गए। तभी एक रंगीन तितली उनके ऊपर से उड़ती हुई गुजरी। तितली के पंख इतने चमकदार थे कि रिया उसे मंत्रमुग्ध होकर देखने लगी। रिया को लगा कि तितली बबली से मिलने आई है। उसने बबली को और करीब खींच लिया और धीरे से कहा, "देखो बबली, कितनी सुंदर तितली है!" तितली उनके चारों ओर मंडराती रही, जैसे वह उनसे बात करना चाहती हो। रिया और बबली खुशी-खुशी उसे देखते रहे। उस दिन, रिया ने महसूस किया कि प्रकृति कितनी अद्भुत और सुंदर चीजों से भरी हुई है। यह पल रिया और बबली के लिए एक यादगार पल बन गया।
देवांश शर्मा, उम्र- 11 वर्ष


रिया और जादुई टेडी
रिया के पास एक प्यारा टेडी बियर था — टेडू। वह उसका सबसे अच्छा दोस्त था। एक दिन रिया बगीचे में उदास बैठी थी, तभी टेडू ने धीरे से कहा, "रिया, मुस्कु राओ ना! चलो जादुई बगीचे चलते हैं।" रिया हैरान रह गई — टेडू बोल रहा था! पल भर में दोनों एक जादुई बगीचे में पहुंच गए, जहां फूल बातें कर रहे थे और तितलियां नाच रही थीं। फूलों की रानी ने कहा, "हमारे बगीचे से हंसी गायब हो गई है। क्या तुम हमें हंसा सकती हो?"रिया और टेडू ने मजेदार चेहरे बनाए, नाचने लगे और सब फूल खिलखिला उठे। रानी मुस्कराई और बोली, "यह लो, खुशी का फूल — जब भी तुम उदास हो, इसे देखना।" रिया ने टेडू को गले लगाया और बोली, "सच्चा जादू दोस्ती और मुस्कान में होता है।"
प्रियांश झारवाल, उम्र 7 साल


खुशियों की तितली
सुबह की ठंडी हवा चल रही थी। नन्ही चंपा अपने टेडी के साथ बगीचे में बैठी थी। तभी एक सुंदर तितली उडकऱ आई और बोली, "मैं खुशियों की तितली हूं। जो मुझे मुस्कराकर देखेगा, मैं उसे खुशियां दूंगी।" चंपा और टेडी हंस पड़े। तितली उनके चारों ओर चक्कर लगाने लगी और अपने पंखों से रंग-बिरंगी रोशनी बिखेर दी। बगीचा एकदम चमकने लगा। चंपा ने कहा, "धन्यवाद तितली! तुमने हमें सिखाया कि खुश रहना ही सबसे बड़ी ताकत है।" टेडी मुस्कु राया और बोला, "जब भी मन उदास हो, मुस्कु राना मत भूलना।"
शिक्षा- जो खुश रहना जानते हैं, वही सच्चे विजेता होते हैं।
कार्तिक जांगिड़, उम्र 12 वर्ष


टेडी और अन्नी की प्यारी दोस्ती

एक छोटे से गांव में नन्ही सी बच्ची अन्नी रहती थी। अन्नी बहुत सोच-विचार वाली और अकेली थी, उसके गांव में खेलने के लिए ज्यादा दोस्त नहीं थे। एक दिन वह गांव के पास बगीचे में बैठी थी, तभी उसकी नजर एक प्यारे टेडी बियर पर पड़ी। अन्नी ने पहले तो सोचा कि यह टेडी खिलौना होगा, लेकिन जैसे ही उसने उसे छुआ, वह टेडी मुस्करा दिया! अन्नी हैरान रह गई, लेकिन डरने की बजाए उसने टेडी से बातें करना शुरू कर दिया। टेडी ने भी उसे अपना दोस्त मान लिया। दोनों ने मिलकर फू लों के बीच खेलना शुरू किया, तितली के पीछे भागा और खूब हंसी-मजाक की। खेत की प्यारी-सी हवा में दोनों अच्छे दोस्त बन गए। अन्नी ने पहली बार महसूस किया कि उसकी दुनिया कितनी रंगीन है। उस दिन के बाद अन्नी रोज उसी जगह टेडी से मिलने जाती। अब वह उदास नहीं होती थी, क्योंकि उसे अपना सच्चा दोस्त मिल गया था। दोस्ती का यह रिश्ता गांव में सबके लिए मिसाल बन गया। टेडी और अन्नी की प्यारी दोस्ती उन फूलों और तितलियों जैसी ही सुंदर थी।
मनजीत बुटाटी, उम्र 8 वर्ष


जादुई फूल और लडक़ी
एक बार एक लडक़ी थी उसका नाम परी था। वह बहुत विनम्र और दयालु थी। एक दिन वह अपने सबसे अच्छे खिलौने गोलू टेडी के साथ एक फूल के पास बैठी बैठी सो गई। कुछ देर बाद वहां से बंकू गुजर रहा था। वह बहुत शैतान बच्चा था। उसने परी को सोए हुए देखा और उसके दिमाग में एक खुराफाती आइडिया आया वह परी के पास गया और उसके प्यारे टेडी को फाड़ दिया। कुछ देर बाद जब परी की नींद खुली तो उसने देखा कि उसका टेडी फटा हुआ है। वह रोने लगी, फूल सब कुछ सुन रहा था। वह बहुत दयालु था, उसने परी से कहा कि प्यारी बच्ची रोओ मत परी ने ऊपर देखा तो फूल बोला कि मैं एक जादुई फूल हूं। मैं सबकी मदद करता हूं। तुम्हें क्या चाहिए बताओ परी बोली मुझे वैसा ही एक टेडी चाहिए जैसा पहले था। फू ल ने उसे टेडी दिया और परी ने उसको धन्यवाद दिया और चली गई । हमें दयालु रहना चाहिए।
पहल चौधरी, उम्र 9 वर्ष नागौर


तितली की उड़ान
एक बार की बात है एक जंगल के पास एक लडक़ी अपने माता-पिता के साथ रहती थी। उसका नाम भूमि था। उसे जानवरों से बहुत प्यार था। वह प्रतिदिन जंगल में अपने दोस्त चीकू भालू के साथ खेलने के लिए जाती थी। एक दिन वह अपने पसंदीदा फूल के पास दोस्त चीकू भालू के साथ बैठी बैठी बातें कर रही थी। तभी उसकी नजर एक तितली पर पड़ी, जो घायल थी। उसे तितली पर दया आ गई। इसलिए वह उसे अपने साथ घर ले आई और उसकी चोट पर दवा लगाई। वह बहुत अच्छे दोस्त बन गए। एक दिन सुबह भूमि ने देखा की तितली उड़ रही है। वह बहुत खुश हो गई और अपने दोस्त चीकू भालू के साथ उसे जंगल में छोड़ आई और तितली उसका शुक्रिया अदा करके उड़ गई।
हमें हमेशा सबकी मदद करनी चाहिए।
शगुन चौधरी, उम्र 12 वर्ष


रिंकी का खिलौना और दुपट्टा
एक बार की बात है रिंकी एक फूल के नीचे बैठ कर अपने खिलौने से खेल रही थी। फिर एक तितली दिखाई दी वह तितली के पीछे भागी तितली के पीछे दौडकऱ थक गई। थकी हारी वह फूल के नीचे बैठ गई और अपने खिलौने से खेलने लगी उसे अपना खिलौना बहुत अच्छा लगता था वह अपने खिलौने से हर रोज वहां खेलती। रिंकी को एक दिन एक दुपट्टा मिला उसने अपने गले में पहन लिया और उसे वह दुपट्टा बहुत पसंद आया और वह हमेशा उस दुपट्टे को गले में पहनने लगीं।
उन्नत्ति सातपूते, उम्र- 8 वर्ष


जादुई फुसफुसाहट
एक बगीचे में छोटू नाम का एक टेडी बीयर था। छोटू बोल नहीं सकता था, पर उसके पास एक बज राज था। उसकी दोस्त, मीरा हर दोपहर उसके पास आती थी। मीरा ने कभी किसी को नहीं बताया, लेकिन जब वह गुलाबी फूल की छांव में छोटू के पास बैठती, तो छोटू उसकी सारी बातें सुनता था। आज मीरा उदास थी, क्योंकि उसने एक जरूरी बात किसी से कहनी थी पर डर रही थी। मीरा ने धीरे से छोटू के कान में अपनी बात फुसफु साई। जैसे ही आवाज छोटू के अंदर गई, एक तितली उडकऱ फू ल पर बैठ गई। तितली ने उड़ते हुए मीरा को देखा, जैसे कह रही हो "डर मत, तुम यह कर सकती हो!" मीरा समझ गई। छोटू ने उसे हिम्मत दी थी। उसने तुरंत खड़े होकर फैसला किया कि वह वहां जाकर जरूरी बात कहेगी। क्योंकि सच्चे दोस्त और प्रकृ ति हमेशा हमारी मदद करते हैं।
दक्षित सोनी, 13 वर्ष


अच्छे दोस्त बनाने चाहिए
एक दिन एक लडक़ी जंगल से जा रही थी । उस लडक़ी का नाम लाव्या था। रास्ते में उसे बहुत सारी तितलियां उड़ती हुई नजर आयीं। आगे जाते ही उसे एक मोटा टेडी बियर दिखा। लाव्या बहुत डर गयी। उसने ध्यान से देखा तो वो टेडी बियर बहुत उदास था। उसने टेडी बियर से पूछा "तुम उदास क्यों हो ?"। तो टेडी बियर ने रोते हुए जवाब दिया "मैं तो किसी को चोट नहीं पहुंचाता, फिर भी सब मुझसे डरते हैं। कोई मुझसे दोस्ती नहीं करता ।" ये सुनके लाव्या बोली "बस इतनी सी बात । मेरा नाम लाव्या है। मैं तुमसे दोस्ती क रूंगी। क्या तुम मेरे दोस्त बनोंगे ?" टेडी बियर मुस्कराते हुए बोला" हां, जरूर बनूंगा लाव्या । मेरा नाम सनी टेडी बियर है।" लाव्या बहुत खुश हुई और बोली "टेडी तुम मेरे घर चलोगे ? मैं तुम्हें अपने परिवार से मिलवाऊं गी ।" तब टेडी बियर ने कहा, "मेरी एक शर्त है । तुम मुझे एक फूल तोड़ के दोगी, तो मैं तुम्हारे साथ चलूंगा।" ये सुनके लाव्या ने उसे समझाया, "टेडी फूल तोडना तो बुरी बात है । तुम मेरे साथ चलो, मैं तुम्हें बहुत सारे खिलौने दूंगी ।" ये सुनके टेडी बियर मान गया । लाव्या उसे अपने घर ले गयी और अपने परिवार से मिलवाया । परिवार वाले लाव्या के नये दोस्त टेडी बियर से मिलकर बहुत खुश हुए। लाव्या ने टेडी बियर को अपने खिलौने दिखाए और दोनों मजे से साथ-साथ खेलने लगे । इस तरह वो दोनों पक्के दोस्त बन गए ।
कुशिना जैन, उम्र 8 वर्ष


जादुई फूल और लडक़ी
एक बार एक लडक़ी थी उसका नाम परी था। वह बहुत विनम्र और दयालु थी। एक दिन वह अपने सबसे अच्छे खिलौने गोलू टेडी के साथ एक फूल के पास बैठी बैठी सो गई। कुछ देर बाद वहां से बकू गुजर रहा था। वह बहुत शैतान बच्चा था। उसने परी को सोए हुए देखा और उसके दिमाग में एक खुराफाती आइडिया आया वह परी के पास गया और उसके प्यारे टेडी को फाड़ दिया। कुछ देर बाद जब परी की नींद खुली तो उसने देखा कि उसका टेडी फटा हुआ है। वह रोने लगी, फूल सब कुछ सुन रहा था। वह बहुत दयालु था, उसने परी से कहा कि प्यारी बच्ची रोओ मत परी ने ऊपर देखा तो फूल बोला कि मैं एक जादुई फूल हूं। मैं सबकी मदद करता हूं। तुम्हें क्या चाहिए बताओ परी बोली मुझे वैसा ही एक टेडी चाहिए जैसा पहले था। फूल ने उसे टेडी दिया और परी ने उसको धन्यवाद दिया और चली गई । हमें दयालु रहना चाहिए।
पलक चौधरी, उम्र 9 वर्ष