Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जीवन आस्था हेल्पलाइन को 10 साल में मिले डेढ़ लाख कॉल: संघवी

हर दिन राज्य में 40-50 लोग मानसिक समस्या के चलते करते हैं संपर्क, इस हेल्पलाइन को भी 112 हेल्पलाइन से जोड़ने पर विचार

2 min read
harsh sanghvi

गांधीनगर टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी एवं अन्य।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर गांधीनगर शहर टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि गुजरात पुलिस की जीवन आस्था हेल्पलाइन 18002333330 को 10 वर्षों में डेढ़ लाख कॉल मिले हैं। इसमें से हजारों लोग ऐसे थे, जिसमें से कोई रेलवे फाटक पर तो, कोई ब्रिज से छलांग लगाने की तैयारी में था, तो कोई फांसी लगाने की तैयारी में था। ये लोग यमराज के पास पहुंचने वाले थे, वहां से उन्हें सुरक्षित बचाकर लाया गया है। पुलिस कर्मचारियों का यह कार्य सराहनीय है। सरकार इस हेल्पलाइन को भी इमरजेंसी हेल्पलाइन 112 से जोड़ने पर विचार कर रही है।

उन्होंने कहा कि गांधीनगर जिला पुलिस द्वारा 10 सितंबर 2015 में शुरू की गई यह हेल्पलाइन आज राज्यव्यापी हो गई है। अब, न केवल गुजरात से, बल्कि अन्य राज्यों से भी कॉल आती हैं और उन नागरिकों को भी परामर्श दिया जाता है। उन्हें मृत्यु के विचार को जड़ से उखाड़कर एक नया जीवन जीने की शक्ति प्रदान की जाती है।

देश में इस प्रकार की पहल करने वाला गुजरात पहला राज्य

गुजरात संघवी ने कहा कि पूरे देश में लोगों की जान बचाने के लिए ऐसा प्रयास करने वाला गुजरात पहला राज्य है। देश में इस क्षेत्र में सबसे अच्छी तरह से काम करने वाली यह हेल्पलाइन है। इसने 10 साल में केवल डेढ़ लाख कॉल ही नहीं अटेंड किए बल्कि डेढ़ लाख परिवारों के मुखिया, उनके चिराग या परिवार की लक्ष्मी को बचाने का काम किया है।

तकनीकी मदद, जागरूकता को 5 करोड़ की मदद

उन्होंने घोषणा की कि इस हेल्पलाइन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए गुजरात सरकार बजट के अतिरिक्त इसे 5 करोड़ रुपए आवंटित करेगी। सरकार के जन-उन्मुख दृष्टिकोण के तहत, यह हेल्पलाइन एक निःशुल्क सेवा है। पुलिस विभाग द्वारा मनोविज्ञान के क्षेत्र में योग्य युवक-युवतियों की नियुक्ति करके अवसादग्रस्त और हताश लोगों को उचित परामर्श प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे प्रयासों से एक भी जीवन बचाया जा सके, तो परियोजना का सारा खर्च सार्थक।

साहूकार से परेशान परिवार को बचाया

मंत्री ने हेल्पलाइन के सफल किस्सों को भी बयां किया। उन्होंने कहा कि एक युगल प्रेम विवाह संभव न होने के कारण नर्मदा नहर के पास आत्महत्या करने गया था। उसे बचा लिया। आर्थिक तंगी से परेशान युवक रेलवे ट्रैक के पास आत्महत्या करने गया था, जिसे तकनीकी निगरानी की मदद से ट्रैक से बचा लिया। साहूकारों से परेशान छोटे व्यापारी का पूरा परिवार आत्महत्या करने जा रहा था। उसे भी बचा लिया।

हर 40-50 कॉलर को मदद, 3 भाषा में काउंसिलिंग

गुजरात पुलिस के महानिदेशक विकास सहाय ने कहा कि 'जीवनआस्था' टीम प्रतिदिन औसतन 40 से 50 फ़ोन कॉल के माध्यम से मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को परामर्श प्रदान करती है। मनोवैज्ञानिकों के समन्वय से फ़ोन पर ही और फिर आमने-सामने उन्हें काउंसिलिंग दी जाती है। यह हेल्पलाइन हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी, तीनों भाषाओं में परामर्श प्रदान कर रही है।

इस मौके पर गांधीनगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वीरेन्द्र यादव, महापौर मीराबेन पटेल के अलावा पदाधिकारी और अधिकारी मौजूद रहे।