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गुजरात का सबसे बड़ा सरदार सरोवर बांध लबालब, जलस्तर 138.68 मीटर पर पहुंचा

सरदार सरोवर बांध लबालब होने पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एकता नगर पहुंचकर नर्मदा जल का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जल पूजन किया। बांध का जलस्तर 138.68 मीटर पर पहुंच गया।

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Narmda dam

सरदार सरोवर बांध लबालब होने पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एकता नगर पहुंचकर नर्मदा जल का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जल पूजन किया।

गुजरात की जीवनरेखा माने जाने वाले सबसे बड़े सरदार सरोवर (नर्मदा) बांध बुधवार को लबालब हो गया। वर्ष 2017 में राष्ट्र को समर्पण के बाद छठी बार अधिकतम 138.68 मीटर यानी 455 फीट जलस्तर हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शारदीय नवरात्रि की नवमी के दिन एकता नगर पहुंचकर नर्मदा के पवित्र जल का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जल पूजन और वंदन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह डेम 10,453 गांवों, 190 शहरों और 7 महानगरपालिकाओं सहित लगभग 4 करोड़ से अधिक गुजरात वासियों को पीने का पानी उपलब्ध कराता है। उन्होंने लोगों से नर्मदा जल का संयम पूर्वक और विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील की।

वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी की ओर से राष्ट्र को समर्पित किए जाने के बाद यह डेम वर्ष 2019, 2020, 2022, 2023, 2024 और 2025 में अपनी अधिकतम जलस्तर तक भरा है। डेम की कुल जल संग्रहण क्षमता 9,460 मिलियन घन मीटर है।

सीएम ने पर्यटकों के साथ किया संंवाद

मुख्यमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दौरे पर आए पर्यटकों से संवाद किया और विभिन्न टूरिस्ट सुविधाओं की जानकारी ली। साथ ही 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह एवं एकता परेड की तैयारियों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से आयोजन की पूरी जानकारी लेकर आवश्यक मार्गदर्शन दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के 17 दिनों के भीतर ही नर्मदा डेम के शेष कार्यों को पूरा करने और गेट लगाने की मंजूरी दी थी। राज्य सरकार ने भी सभी कार्य निर्धारित समय से 9 महीने पहले पूर्ण किए।

इस वर्ष के मानसून में सुजलाम-सुफलाम और सौनी योजनाओं के तहत उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में जल वितरण किया गया। सुजलाम-सुफलाम योजना में 98 मिलियन घनमीटर पानी से 877 तालाब भरे गए। जबकि सौनी योजना में 114 मिलियन घनमीटर

पानी से 36 तालाब, 325 चेकडेम, 31 डेम भरे जा रहे हैं। सिंचाई की जरूरतों के अनुसार आवश्यक जल वितरण किया गया। इस मानसून में नर्मदा योजना के रिवर बेड पावर हाउस एवं केनाल हेड पावर हाउस में 302 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। जबकि अब तक कुल 6,810 करोड़ यूनिट बिजली उत्पन्न की जा चुकी है।