मेहसाणा में आयोजित वाइब्रेन्ट गुजरात रीजनल कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल एवं अन्य मंत्री व अधिकारी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को मेहसाणा के गणपत यूनिवर्सिटी परिसर में पहली वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) का शुभारंभ किया। क्षेत्रीय आकांक्षा, वैश्विक महत्वाकांक्षा की थीम पर आधारित इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर ग्लोबल और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को क्षेत्रीय स्तर पर साकार करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात की यह क्षेत्रीय श्रृंखला राज्य के हर हिस्से की क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का सशक्त मंच बनेगी। वर्ष 2024 की वाइब्रेंट गुजरात समिट में उत्तर गुजरात के लिए हुए 7100 एमओयू में से 72 प्रतिशत प्रोजेक्ट पहले ही कमीशन्ड हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात को व्यापारी राज्य से आगे बढ़ाकर ग्लोबल गेटवे टू द फ्यूचर बनाया है। आज गुजरात 68.9 अरब डॉलर के एफडीआई और देश के औद्योगिक उत्पादन में 18 प्रतिशत योगदान के साथ अग्रणी राज्य है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वाइब्रेंट गुजरात अब एक आंदोलन बन चुका है जो गुजरात से विकसित भारत की दिशा में अगला बड़ा कदम सिद्ध होगा।
राज्य में 27 लाख एमएसएमई इकाइयां कार्यरत
उन्होंने कहा कि चारणका सोलर पार्क के जरिए मोदी ने उत्तर गुजरात की सौर ऊर्जा क्षमता को दुनिया के सामने रखा, वहीं मांडल-बेचराजी विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) ने गुजरात को ऑटोमोबाइल हब के रूप में स्थापित किया। वाइब्रेंट समिट से प्रेरित होकर राज्य में 27 लाख एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं।
पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि ये रीजनल कॉन्फ्रेंसेस आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल और स्वदेशी की भावना को मजबूत बनाते हुए सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस, मेडिकल डिवाइसेज, ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में गुजरात को विश्व नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाएंगी।
आत्मनिर्भर भारत ही विकास का एकमात्र मार्ग: वैष्णव
इस अवसर पर केंद्रीय रेल, सूचना-प्रसारण और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गुजरात आंत्रप्रेन्योर की भूमि है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट आज समग्र देश के लिए अनुकरणीय बनी है। राज्य के चार महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर प्लांट में 1.25 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है। जापान की अलग-अलग 30 कंपनियों ने इसके लिए उपयोगी कम्पोनेंट्स बनाने का आयोजन किया है। उन्होंने गुजरात में भी इलेक्ट्रिक इकोसिस्टम को अधिक गति देने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया। साथ ही कहा कि बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में आत्मनिर्भर भारत ही विकास का एकमात्र मार्ग है। गुजरात का इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 12 लाख करोड़ रुपए का उद्योग बन चुका है।
गुजरात का राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान 41 %, देश की जीडीपी में 8.2%
उद्घाटन सत्र में उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि 2003 में शुरू हुई वाइब्रेंट गुजरात समिट ने राज्य की औद्योगिक तस्वीर बदल दी है। 2003 में जहां उत्पादन 1.5 लाख करोड़ था, आज वह 22 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। राज्य में छोटे उद्योगों की संख्या 1.4 लाख से बढ़कर 27 लाख हो गई है। गुजरात का राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान 41 प्रतिशत और देश की जीडीपी में 8.2 प्रतिशत है।
मंत्रीगण, विश्व बैंक के प्रतिनिधि, कई राजदूत, उद्योगपति मौजूद
इस कार्यक्रम में राज्य के वित्त मंत्री कनू देसाई, स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल, कृषि मंत्री राघवजी पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्र के उपाध्यक्ष जॉन्सन जूट, जापान के राजदूत केइची ओनो, वियतनाम के राजदूत गुयेन थान हाई, अदाणीपोर्ट्स के सीईओ किरण अदाणी, टोरेंट पावर के एमडी जिनल मेहता, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, गणपत विश्वविद्यालय के अध्यक्ष गणपत पटेल सहित अनेक उद्योगपति, राजनयिक और अधिकारी उपस्थित रहे।
Published on:
09 Oct 2025 09:50 pm
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