Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमजीएच भीलवाड़ा में फायर फाइटिंग सिस्टम जाम, आग लग जाए तो कैसे बचे मरीज की जान

राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंहका अस्पताल (एसएमएस) में हुए भीषण अग्निकांड ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आग से प्रबंध की पोल खोलकर रख दी। जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी अस्पताल ने भी भीषण अग्निकांड से कोई सबक नहीं लिया। यहां भी हर पल मरीजों पर खतरा मंडरा रहा। अस्पताल का फायर फाइटिंग सिस्टम जाम पड़ा है।

2 min read
Google source verification
patrika khbar new

patrika khbar new

भीलवाड़ा। राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंहका अस्पताल (एसएमएस) में हुए भीषण अग्निकांड ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आग से प्रबंध की पोल खोलकर रख दी। जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी अस्पताल ने भी भीषण अग्निकांड से कोई सबक नहीं लिया। यहां भी हर पल मरीजों पर खतरा मंडरा रहा। अस्पताल का फायर फाइटिंग सिस्टम जाम पड़ा है। आउटडोर से लेकर वार्डों में रखे आग बुझाने के सिलेंडर नाकाफी हैं।

राजस्थान पत्रिका ने सोमवार को एमजीएच अस्पताल में आग बुझाने की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो हालात चौकाने वाले मिले। यहां दिखाने को फायर फाइटिंग सिस्टम लगे हैं। लेकिन जरूरत होने पर बिना कारतूस के बंदूक की तरह है।

अस्पताल के ट्रोमा, ऑर्थोपेडिक, महिला, बर्न वार्ड और आउटडोर जैसे अति-संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में लापरवाही बरती जा रही है। यहां रखे छोटे सिलेंडर पूरे नहीं है। सबसे बड़ी लापरवाही पुराने माइनर ऑपरेशन थिएटर के पास देखने को मिली। यहां लगा एक लाइफ सेविंग सिलेंडर अप्रेल में ही अवधि पार हो चुका था।

सुरक्षा के लिए प्रमुख स्थानों पर लगाए अग्निशमन यंत्र भी लम्बे समय से काम नहीं आने के कारण पूरी तरह से जाम हो चुके थे। यंत्रों से जुड़ी पाइप लाइनों को खींचना भी मुश्किल हो रहा था। पाइप को खींचना चाहा लेकिन वह बाहर नहीं आया।

पाइप से लटकने का प्रयास करने पर व्हील थोड़ा घूमा। यदि अस्पताल में आग की कोई छोटी घटना भी होती है, तो प्रारंभिक स्तर पर आम व्यक्ति के आग बुझाने के प्रयास विफल हो सकते हैं। ऐसे में बड़ा हादसा होने की आशंका बढ़ जाती है। इस सिस्टम को लगाकर वापस मुड़कर नहीं देखा। रखरखाव नहीं होने से यह खराब पड़े हैं।

एमजीएच के आउटडोर में प्रतिदिन दो से ढाई हजार मरीज परामर्श लेने आते हैं। भारी भीड़ के बावजूद आग से बचाव में अस्पताल प्रबंधन भारी लापरवाही बरत रहा। यहां फायर फाइटिंग सिस्टम ना के बराबर है। चिकित्सक कक्ष में भी भी आग बुझाने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में हादसा हो जाए तो लापरवाही भारी पड़ सकती है।

इनका कहना है...

एमजीएच के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि अस्पताल में आग बुझाने के पूरे इंतजाम हैं। अगर कोई खामी है तो उसे दूर करवा देंगे। फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर वार्ड प्रभारियों को एक बार पुन: विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मॉकड्रिल भी की जाती है। कोई सिलेंडर एक्सपायर होगा तो उसे भी बदल दिया जाएगा।