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भीलवाड़ा ने फिर रचा इतिहास: छह युवाओं ने आरएएस परीक्षा में दिखाई प्रतिभा की चमक

- सेल्फ स्टडी से 26वीं रैंक हासिल करने वाली अंशिका बनी प्रेरणा, दीपक, गोविंद, कैलाश, हेमा व एकता ने भी जिले का बढ़ाया मान

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Bhilwara creates history again: Six youngsters shine in the RAS exam

Bhilwara creates history again: Six youngsters shine in the RAS exam

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से घोषित आरएएस परीक्षा 2023 के फाइनल परिणाम में भीलवाड़ा जिले के छह युवाओं ने सफलता का परचम फहराया है। इन सभी ने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और निरंतर अध्ययन के बल पर अपनी पहचान बनाई है।

26वीं रैंक: अंशिका बनीं जिले की टॉपर

आजाद नगर निवासी अंशिका अग्रवाल ने आरएएस परीक्षा में 26वीं रैंक प्राप्त कर जिले का गौरव बढ़ाया। अंशिका ने बताया कि यह सफलता उन्होंने सेल्फ स्टडी से हासिल की। इससे पहले आरएएस-2021 परीक्षा में 863वीं रैंक प्राप्त की थी, परंतु वेटिंग में रह गई थीं। स्कूली शिक्षा निजी विद्यालय व उच्च शिक्षा सेठ मुरलीधर मानसिंहका महाविद्यालय से प्राप्त की। वर्तमान में एमएलवी कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। अंशिका के पिता मुकेश अग्रवाल व्यवसायी, माता पारस अग्रवाल गृहणी, व भाई प्रियांशु सीए हैं।

102वीं रैंक: शुभम सोनी का पहला प्रयास

भीलवाड़ा शहर के शुभम सोनी, पुत्र रामपाल सोनी (स्वर्णकार समाज) ने पहले ही प्रयास में 102वीं रैंक प्राप्त की। शुभम ने अपनी सफलता का श्रेय गुरुजनों, माता-पिता और परिवारजनों को दिया है।

319वीं रैंक: गोविंद सुखवाल

आजाद नगर निवासी गोविंद सुखवाल ने आरएएस परीक्षा में जनरल (ईडब्ल्यूएस) कैटेगरी में 319वीं रैंक हासिल की। उन्होंने बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग करने के बाद लोक प्रशासन में एमए और नेट किया। वह रोजाना निश्चित समय पढ़ाई करता था।

771वीं रैंक: करेड़ा के कैलाश गुर्जर

करेड़ा उपखंड के गोर्वधनपुरा निवासी कैलाश गुर्जर ने आरएएस परीक्षा में 771वीं रैंक और एमबीएस वर्ग में 21वीं रैंक प्राप्त की। कैलाश ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया। कैलाश के पिता गोर्वधनलाल किसान, माता गृहणी, छोटा भाई लक्ष्यराज व बहन माया टीचर बनने की तैयारी कर रही हैं।

एकता राणावत: लांबा की बहू बनी आरएएस

गेंदलिया की बेटी और खारी का लांबा की बहू एकता कंवर राणावत ने अपने प्रथम प्रयास में आरएएस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर समाज का मान बढ़ाया। वह स्व. शक्ति सिंह राठौड़ (चांदावत) की पत्नी व महेंद्र सिंह राठौड़ (खारी का लांबा) की पुत्रवधू हैं। एकता ने कहा कि उनके संघर्ष की प्रेरणा मां रानी और दिवंगत पति की आत्मिक शक्ति से मिली।

405वीं रैंक: जावदा की हेमा धाकड़ बनीं मिसाल

जावदा निवासी हेमा धाकड़ ने ओबीसी कैटेगरी में 405वीं रैंक प्राप्त की है। वह वर्तमान में राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय थड़ौदा में प्रधानाचार्य हैं। हेमा ने यह सफलता छठे प्रयास में हासिल की। उन्होंने पहले पटवारी से लेकर प्रिंसिपल तक का सफर तय किया है। हेमा ने बताया कि यह उनके पिता शंकरलाल धाकड़ की प्रेरणा का परिणाम है।