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एनसीआर में जमा होंगे लाखों मुसलमान, तीन दिनों तक अलर्ट मोड में प्रशासन, जानें क्या होगा?

Tablighi Jamaat Jalsa: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र हरियाणा के मेवात जिले के तिरवाड़ा-नई गांव में तीन दिवसीय तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें एक लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है।

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Lakhs Muslims gather Tablighi jamaat jalsa from 25 to 27 October Mewat district in Delhi NCR

दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात जिले में तीन दिवसीय जलसे का आयोजन। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Tablighi Jamaat Jalsa: दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात जिले के नूंह क्षेत्र में धार्मिक माहौल एक बार फिर से जीवंत होने जा रहा है। फिरोजपुर झिरका के बाद अब पुन्हाना उपमंडल के ग्राम तिरवाड़ा-नई में तीन दिवसीय तब्लीगी इज्तिमा (जलसा) आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन 25 से 27 अक्तूबर तक चलेगा। इसमें न केवल मेवात क्षेत्र, बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों से एक लाख से अधिक मुसलमानों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। सबसे खास बात यह है कि दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन मरकज से तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद इस इज्तिमा में शिरकत करेंगे।

आयोजन की तैयारियां शुरू

जिला प्रशासन से मंजूरी मिलने के बाद आयोजन समिति ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मैदान की साफ-सफाई, अस्थायी टेंट, रोशनी, पानी और सुरक्षा की व्यवस्थाओं पर काम जारी है। मदरसा मुईनुल इस्लाम नूंह के शैखुल हदीस मुफ्ती जाहिद हुसैन और जमीयत उलमा मुत्तहिदा पंजाब के महासचिव मौलाना यहया करीमी ने मुसलमानों से अपील की है कि वे अल्लाह की राह में निकलकर इस इज्तिमा में हिस्सा लें।

मौलाना करीमी ने कहा, “ऐसे इज्तिमात केवल इबादत का जरिया नहीं होते, बल्कि यह इस्लामी भाईचारे को मजबूत करने और धार्मिक शिक्षा को आगे बढ़ाने का अवसर भी हैं। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इस मुहिम में शामिल होकर अपने ईमान को मजबूत करे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करे।” उन्होंने कहा कि इस आयोजन से न केवल रूहानी शक्ति मिलती है, बल्कि यह युवाओं को समाज में अच्छाई फैलाने की प्रेरणा भी देता है।

सामाजिक बुराइयों पर जागरूकता पर जोर

इस तीन दिवसीय इज्तिमा के दौरान नशा, साइबर ठगी, दहेज प्रथा और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ विशेष सत्र रखे जाएंगे। मौलाना यहया करीमी ने बताया कि मेवात क्षेत्र में हाल के सालों में नशे और साइबर अपराधों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इस इज्तिमा का एक उद्देश्य युवाओं को इन बुराइयों से दूर रहने की राह दिखाना और नैतिकता की शिक्षा देना भी है। तीन दिनों तक मौलाना साद और अन्य विद्वान वक्ताओं के बयान सुनने के लिए हजारों लोग एकत्र होंगे। इन बयानों से लोगों को धार्मिक, नैतिक और सामाजिक चेतना प्राप्त होगी। जलसा समाप्त होने के बाद करीब 100 जमातें विभिन्न क्षेत्रों में जाएंगी और वहां समाज में भाईचारे का संदेश फैलाएंगी।

प्रशासन ने दी मंजूरी, तैयारियों पर नजर

पुन्हाना के एसडीएम आदित्य ने बताया कि इज्तिमा आयोजन समिति को सभी आवश्यक अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन आयोजन में किसी भी प्रकार की सहायता देने को पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा “यदि आयोजन के दौरान पानी, बिजली या अन्य सुविधाओं की आवश्यकता होगी तो प्रशासन तुरंत मदद करेगा।” इसके साथ ही स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में सहयोग करें। जिला प्रशासन का मानना है कि नूंह में हो रहे इस बड़े आयोजन से लोगों को धार्मिक शिक्षा और सामाजिक एकता का संदेश मिलेगा।

इज्तिमा क्या होता है?

‘इज्तिमा’ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है एकत्र होना या सभा। इस्लामिक संदर्भ में यह एक धार्मिक जलसा होता है, जिसमें मुसलमान बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर अल्लाह की इबादत, कुरआन और हदीस की शिक्षाओं पर विचार-विमर्श करते हैं। तब्लीगी जमात द्वारा आयोजित ऐसे इज्तिमाओं में लोगों को नैतिक आचरण, भाईचारे, और समाज सुधार के संदेश दिए जाते हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह समाज में एकता, अनुशासन और शांति का संदेश भी फैलाता है।