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हरियाणा के पूर्व सीएम की बेटी-नातिन और दामाद को गिरफ्तार करने का आदेश, गुरुग्राम कोर्ट का बड़ा आदेश

Haryana Ex CM Bhajan Lal: हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल की बेटी रोशनी बिश्नोई, दामाद अनूप बिश्नोई और नातिन सुरभि बिश्नोई पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे गुरुग्राम के सेक्टर 23 और सेक्टर 23ए में स्थित दो प्लॉट बेचे थे।

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Gurugram court orders arrest Haryana ex CM Bhajan Lal daughter granddaughter and son-in-law in land grabbing case

हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल की बेटी-दामाद और नातिन को गिरफ्तार करने के आदेश।

Haryana Ex CM Bhajan Lal: हरियाणा के एक बेहद प्रभावशाली राजनीतिक परिवार की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब गुरुग्राम की एक अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की बेटी, दामाद और नातिन के खिलाफ गिरफ्तारी के सख्त आदेश जारी किए हैं। यह मामला साल 2016-17 में दो मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जीवाड़े से प्लॉट बेचने और लगभग चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है। अदालत ने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए, क्योंकि पुलिस द्वारा मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। मामले में अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।

चार करोड़ से ज्यादा के फर्जी तरीके से बेचे प्लॉट

आरोपियों में पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की बेटी रोशनी बिश्नोई, दामाद अनूप बिश्नोई और नातिन सुरभि बिश्नोई शामिल हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर गुरुग्राम के सेक्टर 23 और सेक्टर 23ए में स्थित दो प्लॉट धोखे से बेचे थे। बेचे गए प्लॉटों में से एक की कीमत 2 करोड़ 42 लाख और दूसरे की कीमत ₹1 करोड़ 59 लाख रुपये बताई गई है, जिससे कुल धोखाधड़ी की रकम लगभग 4 करोड़ है। इस पूरे सौदे को अंजाम देने वाले बिचौलिए विकास को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। शिकायतकर्ता धर्मवीर ने पुलिस को बताया कि उनके चाचा संदीप कुमार का निधन 1 जुलाई 2004 को ही हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद उनके नाम पर प्लॉट बेचा गया। धर्मवीर के मुताबिक उनके चाचा के साढ़ू केएल बिश्नोई को प्लॉट के बारे में पता था और उन्होंने ही बिचौलिए विकास के साथ मिलकर इस साजिश को रचा।

फर्जी दस्तावेजों के सहारे लिया कब्जा

जांच में सामने आया है कि हुडा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से विकास बिश्नोई ने मृत संदीप कुमार की जगह किसी अन्य व्यक्ति को पेश किया। इसके बाद 28 अप्रैल 2016 को प्लॉट का पजेशन सर्टिफिकेट (कब्जा प्रमाण पत्र) फर्जी तरीके से हासिल किया गया। इससे पहले, 19 फरवरी 2016 को प्लॉट की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी करने के लिए संदीप कुमार के फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए थे। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ही रोशनी बिश्नोई, अनूप बिश्नोई और सुरभि बिश्नोई ने ये प्लॉट बेच दिए।

राजनीतिक दबाव के चलते नहीं हुई कार्रवाई

शिकायतकर्ता धर्मवीर ने पहले पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन राजनीतिक प्रभाव के कारण कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद, उन्होंने न्यायालय का रुख किया। कोर्ट के आदेश पर ही पुलिस ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थी, लेकिन हरियाणा के एक बेहद प्रभावशाली परिवार से मामला जुड़ा होने के कारण पुलिस कार्रवाई करने से कतरा रही थी। अब, अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस कमिश्नर को यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश दिए हैं कि तीनों आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाए। दरअसल, आरोपी रोशनी बिश्नोई, हरियाणा के भाजपा नेता और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की सगी बहन हैं, जबकि उनके पति अनूप बिश्नोई एक बड़े बिजनेसमैन हैं। कुलदीप बिश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

जानिए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल का पूरा परिचय

चौधरी भजनलाल हरियाणा की राजनीति के एक कद्दावर नेता थे, जिन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी एक लंबी छाप छोड़ी। उनका जन्म 6 अक्टूबर 1930 को हुआ था और उनका राजनीतिक सफर 1960 के दशक में ग्राम पंचायत से शुरू हुआ। भजनलाल ने तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वे पहली बार 1979 में जनता पार्टी में रहते हुए मुख्यमंत्री बने और फिर 1982 और 1991 में दो बार कांग्रेस पार्टी के नेता के तौर पर राज्य की कमान संभाली। उनके नाम हरियाणा में सबसे अधिक समय (लगभग 12 साल) तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी है। उन्हें भारतीय राजनीति के 'प्रोफेसर' के रूप में भी जाना जाता था। खासकर अपनी राजनीतिक कुशलता और विधायकों को अपने पक्ष में करने की रणनीति के लिए।

केंद्र सरकार में भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

भजनलाल का राजनीतिक प्रभाव हरियाणा तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने केंद्र सरकार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजीव गांधी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में उन्होंने एक बार केंद्रीय कृषि मंत्री और एक बार वन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला था। वह एक गैर-जाट नेता थे, जिन्होंने लम्बे समय तक हरियाणा की जाट-प्रधान राजनीति के केंद्र में अपनी जगह बनाए रखी। अपने जीवन के अंतिम सालों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) का गठन किया, लेकिन बाद में उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई ने इसे भाजपा में विलय कर दिया। 3 जून 2011 को 80 साल की आयु में उनका निधन हो गया, लेकिन उनके परिवार का राजनीतिक रसूख आज भी हरियाणा की राजनीति में कायम है।