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भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर सिर्फ 10-10 रुपये में मिलेगा चाय-पानी, यात्रियों के लिए खुल गया नया कैफे

भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर खुला 'उड़ान यात्री कैफे' जहाँ मात्र ₹10 में चाय-पानी का लुत्फ़ उठा सकते हैं यात्री! यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के किफायती यात्रा के विज़न को साकार करती है। साथ ही, ₹8307 करोड़ की लागत से बनने वाली छह लेन वाली रिंग रोड को मंज़ूरी मिलने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी का आभार जताया है, जिससे यातायात में राहत मिलेगी। यह परियोजना रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।

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भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर उड़ान यात्री कैफे का उद्घाटन। फोटो- X/@AAI_Official

ओडिशा में भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर अब से यात्री 10-10 रुपये में चाय-पानी खरीदकर पी सकते हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने सोमवार को बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'उड़ान यात्री कैफे' का उद्घाटन किया है।

यहां यात्रियों को किफायती पेय पदार्थों के साथ कम प्राइस में भोजन भी मिलेगा। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल और अधिकारियों की उपस्थिति में कैफे का उद्घाटन किया।

मंत्री ने कहा कि हवाई यात्रियों को किफायती दामों पर भोजन और पेय पदार्थ उपलब्ध कराना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है।

उड़ान योजना सभी के लिए हवाई यात्रा को सुलभ बनाने के लिए शुरू की गई थी। हवाई अड्डे परिसर में भोजन और पेय पदार्थों की ऊंची कीमतों के बारे में बार-बार शिकायतें मिल रही थीं और यह पहल उन चिंताओं का समाधान करती है।

इस वजह से ओडिशा के सीएम ने पीएम मोदी का किया था धन्यवाद

बता दें कि ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पिछले हफ्ते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया था।

दरअसल, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने भुवनेश्वर में छह लेन वाली रिंग रोड परियोजना के निर्माण को मंज़ूरी दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य भुवनेश्वर और कटक जुड़वां शहरों में यातायात की भीड़भाड़ कम करना है।

8,307 करोड़ रुपये की लागत से छह लेन वाली रिंग रोड को बनाया जायेगा। इसकी लंबाई 110।875 किलोमीटर होगी। यह परियोजना तीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-55, NH-57 और NH-655) और एक राज्य राजमार्ग (SH-65) को जोड़ती है। जिससे पूरे ओडिशा में प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और रसद केंद्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी मिलती है।

यह परियोजना लगभग 74.43 लाख व्यक्ति-दिन प्रत्यक्ष और 93.04 लाख व्यक्ति-दिन अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगी और आसपास के क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी।