केरल और तमिलनाडु में दिवाली का पर्व नहीं मनाया जाता (File Photo)
Diwali 2025: भारत में दीवाली का त्योहार सोमवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। दिवाली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह पर्व भगवान राम के अयोध्या लौटने और प्रकाश के प्रतीक के रूप में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
वहीं लोग अपने घरों और मंदिरों में दीपक जलाते हैं। इसके अलावा देश में कई जगह ऐसी भी है जहां पर दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है। इसकी वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। आइए जानते हैं कि किन-किन जगहों पर दिवाली का पर्व नहीं मनाया जाता है…
केरल राज्य में दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है। प्रदेश में महज कोच्चि शहर में ही दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। बाकी जगहों पर दिवाली का पर्व नहीं मनाया जाता है। यहां पर लोक मान्यता है कि दिवाली के दिन राजा महाबली की मृत्यु हुई थी। इस कारण से केरल के लोग इस पर्व को मनाना शुभ नहीं मानते है।
इसके अलावा एक वजह यह भी है कि प्रदेश में हिंदू आबादी काफी कम है। जिसके चलते भी यहां पर दीवाली का त्योहार धूमधाम से नहीं मनाया जाता है। केरल में ओणम को ज्यादा महत्व दिया जाता है।
केरल के अलावा तमिलनाडु की कुछ जगहों पर भी दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है। तमिलनाडु में नरक चतुदर्शी को अधिक महत्व दिया जाता है। यहां पर मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। बता दें कि इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाते है।
वाराणसी में दीपावली का उत्सव अद्वितीय और आध्यात्मिक है। यहां पर गंगा घाटों पर लाखों दीप जलाए जाते हैं, विशेषकर दशाश्वमेध घाट पर, जो एक अलौकिक दृश्य प्रस्तुत करता है। घरों, मंदिरों और गलियों को दीपों, रंगोली और फूलों से सजाया जाता है। लोग लक्ष्मी-गणेश पूजन करते हैं और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं। गंगा आरती का विशेष आयोजन इस पर्व को और भव्य बनाता है।
Updated on:
18 Oct 2025 07:39 pm
Published on:
18 Oct 2025 07:38 pm
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