Monsoon 2025: इस बार मानसून जल्दी दस्तक देगा। इसके संकेत मिलने लगे हैं। मानसून मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग और निकोबार द्वीप समूह तक पहुंच गया। तीन-चार दिन में यह और आगे बढ़ सकता है। इसके 27 मई को केरल पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग (आइएमडी) के मुताबिक इससे पहले कई राज्यों में बारिश हो सकती है। पिछले दो दिन में निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश हुई है।
आइएमडी ने बताया कि अगले तीन-चार दिन में दक्षिण अरब सागर और दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकतर हिस्सों में मानसून आगे बढऩे के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। छत्तीसगढ़ में 15 मई तक आंधी, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट से लेकर मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। मध्य प्रदेश में 16 मई तक बारिश होगी । उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 14 से 15 मई, गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल में 14 मई और झारखंड में 15-16 मई को बारिश का अनुमान है।
केरल में 27 मई तक बारिश की संभावना है। आइएमडी इससे पहले मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान जता चुका है। उसने अल नीनो की स्थिति को खारिज कर दिया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम बारिश से जुड़ी है। भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मानसून संजीवनी है। यह क्षेत्र 42 फीसदी आबादी को आजीविका प्रदान करता है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 18 फीसदी का योगदान देता है।
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण भाग, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के प्रभाव में बढ़ोतरी हुई है। इन हिस्सों में ‘आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन’ (ओएलआर) कम हुआ है। यह बादल छाए रहने का संकेत है। ओएलआर पृथ्वी से निकलने वाली ऊर्जा का माप है। ये स्थितियां मानसून के जल्दी आने की ओर इशारा कर रही हैं।
दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून को केरल में दस्तक देता है। अगर इस साल यह समय से पहले पहुंचता है तो 2009 के बाद पहली बार ऐसा होगा। मानसून ने 2009 में 23 मई को दस्तक दी थी। भारत में मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा तब होती है, जब यह केरल पहुंचता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है और 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से धीरे-धीरे लौटने लगता है।
Published on:
14 May 2025 12:52 pm