CM सिद्धारमैया ने डिनर बैठक का आयोजन किया। (फोटो- X)
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को अपने सभी कैबिनेट सहयोगियों के लिए डिनर बैठक का आयोजन किया। खास बात यह है कि ये बैठक राज्य में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने से कुछ हफ्ते पहले हुई। इससे राज्य के कैबिनेट में जल्द ही फेरबदल की अटकलें भी तेज हो गईं हैं।
कर्नाटक सरकार में मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने बैठक खत्म होने के बाद किन मुद्दों पर चर्चा हुई, इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रात्रिभोज बैठक का एकमात्र एजेंडा बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी), जिला पंचायत और तालुक पंचायत (टीपी) चुनाव थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रियों के प्रदर्शन पर चर्चा हुई, उन्होंने कहा कि बैठक में ऐसा कोई मूल्यांकन नहीं किया गया। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि ये बैठक ऐसे वक्त में हुई है, जब कांग्रेस के भीतर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों का दावा है कि ढ़ाई साल पूरे होने के बाद शिवकुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
राज्य में 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। कई दौर की चर्चा के बाद, कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना।
उस समय ऐसी खबरें थीं कि शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच मुख्यमंत्री पद के रोटेशन के बाद, उन्होंने इस फैसले पर सहमति जताई थी।
हालांकि, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने कभी भी सार्वजनिक रूप से इस तरह की किसी व्यवस्था के अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया।
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने शिवकुमार के समर्थकों को इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से रोकने के लिए नोटिस जारी करके उनके दावों को खामोश कर दिया है।
इसके अलावा, कर्नाटक के प्रभारी पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी इन अटकलों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कई मौकों पर कहा है कि वह मुख्यमंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करना चाहते हैं।
डीके शिवकुमार ने किसी भी कांग्रेस नेता को पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की सार्वजनिक रूप से सराहना करने के खिलाफ भी चेतावनी दी। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस संबंध में पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।
Published on:
14 Oct 2025 08:55 am
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