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झारखंड हाईकोर्ट से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मिली राहत, जानें क्या है मामला

Jharkhand News: झारखंड उच्च न्यायालय से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में राहत मिली है।

2 min read

रांची

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Ashib Khan

Oct 09, 2025

झारखंड हाईकोर्ट से राहुल गांधी को मिली राहत (Photo-IANS)

Rahul Gandhi News: झारखंड उच्च न्यायालय से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में राहत मिली है। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की एकल पीठ ने गुरुवार को चाईबासा एमपी-एमएलए अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें मामले का संज्ञान लेते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी को समन जारी किया गया था।

निचली अदालत में पुनविचार के लिए भेजा

हाईकोर्ट ने मामले को नए सिरे से विचार के लिए निचली अदालत में वापस भेज दिया है। पीठ ने कहा- ऐसा प्रतीत होता है कि मजिस्ट्रेट संज्ञान लेते समय सत्र न्यायालय के निर्देशों से प्रभावित थे।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि कांग्रेस के एक अधिवेशन में राहुल गांधी ने अमित शाह को हत्यारा कहा था। राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया और चाईबासा से भाजपा नेता प्रताप कटियार ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया।

शिकायत में क्या कहा

बीजेपी नेता की शिकायत के अनुसार नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि कोई भी हत्यारा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता। कांग्रेसी एक हत्यारे को अपना अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते - यह केवल भाजपा में ही संभव है।

कोर्ट ने वारंट किया था जारी

वहीं शिकायत के बाद चाईबासा सांसद-विधायक न्यायालय ने पहले अप्रैल 2022 में गांधी के खिलाफ ज़मानती वारंट और बाद में फरवरी 2024 में गैर-ज़मानती वारंट जारी किया था। इतना ही नहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की याचिका भी निचली अदालत ने खारिज कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस सांसद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

राहुल गांधी को मिली थी जमानत

मार्च 2024 में उच्च न्यायालय ने उन्हें अस्थायी राहत प्रदान की और उनकी याचिका का निपटारा कर दिया। हालाँकि, चाईबासा अदालत ने 22 मई 2025 को एक और गैर-जमानती वारंट जारी किया, जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 6 अगस्त, 2025 को अदालत में पेश हुए और उन्हें सशर्त ज़मानत दे दी गई।

निचली कोर्ट का आदेश किया रद्द

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एमपी-एमएलए अदालत के संज्ञान लेने और समन जारी करने के फैसले को फिर से चुनौती दी। इस दरौन उन्होंने तर्क दिया कि निचली अदालत ने अपनी स्वतंत्र न्यायिक सोच का इस्तेमाल नहीं किया। हाईकोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार कर लिया और संज्ञान आदेश को रद्द कर दिया।