TTD लैंड स्वैप डील पर बवाल (ANI)
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) एक बार फिर विवादों के घेरे में है। इस बार पूर्व चेयरमैन भूषणा करुणाकर रेड्डी ने आंध्र प्रदेश पर्यटन प्राधिकरण (APTA) के साथ हाल ही में हुए एक लैंड स्वैप समझौते को "घोटाला" करार दिया है। रेड्डी ने आरोप लगाया है कि यह समझौता TTD को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाएगा और इसका मकसद ओबेरॉय ग्रुप को फायदा पहुंचाना है।
विवाद का केंद्र तिरुपति शहरी सीमा में TTD की 25 एकड़ मूल्यवान जमीन को APTA की पेरुरु गांव (तिरुपति ग्रामीण मंडल) में 24.68 एकड़ जमीन के साथ अदला-बदली करना है। रेड्डी का दावा है कि यह समझौता 20 एकड़ की कीमती जमीन, जिसकी कीमत करीब 1,500 करोड़ रुपये है, को ओबेरॉय ग्रुप को सौंपने की साजिश है। उन्होंने इसे TTD के इतिहास में मंदिर की जमीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए हस्तांतरित करने का पहला मामला बताया और इसे रोकने के लिए YSRCP के कड़े विरोध की चेतावनी दी।
यह मामला तब शुरू हुआ जब 2021 में YSRCP सरकार ने अलिपिरी में ओबेरॉय ग्रुप को एक लक्जरी होटल के लिए 20 एकड़ जमीन आवंटित की थी। इस फैसले का हिंदू संगठनों और भक्तों ने विरोध किया, क्योंकि यह जमीन तिरुमाला की पवित्र पहाड़ियों के करीब थी। इसके बाद, नई सरकार ने मार्च 2025 में इस परियोजना की मंजूरी रद्द कर दी। इसके जवाब में, TTD बोर्ड ने नवंबर 2024 (रेजोल्यूशन नंबर 102), मई 2025 (रेजोल्यूशन नंबर 250), और जुलाई 2025 (रेजोल्यूशन नंबर 385) में प्रस्ताव पारित कर इस पवित्र जमीन को वापस लेने और लैंड स्वैप डील को मंजूरी दी।
YSRCP के भूषणा करुणाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि यह स्वैप डील मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और TTD चेयरमैन बी.आर. नायडू के इशारे पर की गई है। उन्होंने दावा किया कि तिरुपति शहरी मंडल की जमीन (सर्वे नंबर 588/A) का मूल्य ग्रामीण पेरुरु गांव की जमीन (सर्वे नंबर 604) से कहीं अधिक है, जिससे TTD को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो सकता है। रेड्डी ने इसे "दिनदहाड़े डकैती" करार देते हुए भक्तों से इस सरकारी आदेश को वापस लेने की मांग के लिए विरोध करने का आह्वान किया।
TTD ने इन आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया है। TTD का कहना है कि यह लैंड स्वैप तिरुमाला की पवित्रता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए किया गया है। उनके अनुसार, APTA से प्राप्त जमीन तिरुमाला पहाड़ियों के निकट है और भविष्य में भक्तों के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। दूसरी ओर, शहरी मंडल में दी गई जमीन पर पहले से ही कुछ निर्माण मौजूद हैं। TTD ने कहा कि यह समझौता मंदिर की जमीन को उचित उपयोग के लिए सुरक्षित करने के लिए था और इसे भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले राजनीतिक आरोपों का विषय नहीं बनाना चाहिए।
YSRCP ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया है, जिसमें रेड्डी ने मुख्यमंत्री नायडू पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने याद दिलाया कि जब नायडू विपक्ष में थे, तब उन्होंने तिरुमाला की पवित्रता का हवाला देकर ऐसी परियोजनाओं का विरोध किया था। रेड्डी ने सुझाव दिया कि यदि पर्यटन विकास ही उद्देश्य है, तो तिरुपति हवाई अड्डे के पास उपलब्ध सरकारी जमीन का उपयोग किया जाना चाहिए।
Updated on:
25 Aug 2025 11:46 am
Published on:
25 Aug 2025 11:45 am
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