जुबीन गर्ग की मौत की जांच के लिए असम सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया (photo - ANI)
असम संगीत जगत के फेमस सिंगर, संगीतकार और अभिनेता ज़ुबीन गर्ग (52) की सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुए हादसे में मौत हो गई। ज़ुबीन, जिन्हें 'उत्तर-पूर्व का रॉकस्टार' कहा जाता था, नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में हिस्सा लेने सिंगापुर गए थे, जहां वे 20 सितंबर को परफॉर्म करने वाले थे। इस अचानक निधन ने पूरे असम और देशभर को स्तब्ध कर दिया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार दोपहर करीब 1:30 बजे स्थानीय समय पर सिंगापुर की खाड़ी में स्कूबा डाइविंग के दौरान ज़ुबीन बेहोश हो गए। सिंगापुर पुलिस ने उन्हें समुद्र से बचाया और नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इंटेंसिव केयर में रखे जाने के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। ज़ुबीन ने अपने करियर में 40 से अधिक भाषाओं में 38,000 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए थे, जिनमें असमिया, बांग्ला और बॉलीवुड के हिट नंबर 'या अली' (फिल्म गैंगस्टर, 2006) शामिल हैं। वे 12 वाद्य यंत्र बजाने के माहिर थे और असम के सबसे अधिक कमाई करने वाले गायक के रूप में जाने जाते थे।
सिंगर की मौत पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने शोक जताते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, असम के लोग आज अपने सबसे प्रिय सपूतों में से एक को खो चुके हैं। मैं ज़ुबीन के निधन पर अपने साथी नागरिकों के साथ शोक व्यक्त करता हूं। ज़ुबीन, तुम हमेशा असम के पसंदीदा रॉकस्टार रहोगे।
ज़ुबीन के निधन पर अन्य हस्तियों ने भी शोक जताया। पूर्व राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने लिखा, "हमारे सांस्कृतिक आइकन ज़ुबीन गर्ग के असामयिक निधन से गहरा सदमा लगा। उनकी आवाज़, संगीत और अटल भावना ने असम और उसके बाहर पीढ़ियों को प्रेरित किया।" असम के कैबिनेट मंत्री अशोक सिंघल ने कहा, "असम ने न सिर्फ एक आवाज़ खोई है, बल्कि अपनी धड़कन खो दी है। ज़ुबीन दा असम का गौरव थे।" अभिनेता आदिल हुसैन समेत कई बॉलीवुड और क्षेत्रीय कलाकारों ने भी श्रद्धांजलि दी।
ज़ुबीन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को मेघालय के तुरा में एक असमिया ब्राह्मण परिवार में हुआ था। असली नाम ज़ुबीन बोरठाकुर था, लेकिन उन्होंने अपना उपनाम 'गर्ग' रखा। बचपन से ही संगीत में रुचि रखने वाले ज़ुबीन ने अपनी मां से गायकी सीखी और 1992 में पहले एल्बम 'अनामिका' से करियर शुरू किया। वे न केवल गायक थे, बल्कि संगीतकार, निर्देशक, अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। असम की संस्कृति को बढ़ावा देने और युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।
Updated on:
19 Sept 2025 04:54 pm
Published on:
19 Sept 2025 04:27 pm
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