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आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोंथा ने मचाई तबाही, 2 लाख एकड़ फसल बर्बाद, हजारों किमी सड़कें भी क्षतिगस्त

आंध्र प्रदेश तट को पार करने वाले भीषण चक्रवात मोन्था से 18 लाख लोग प्रभावित हुए, 2.14 लाख एकड़ क्षेत्र में फसलें और सड़क एवं भवन विभाग की 2,294 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं।

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Cyclone Montha

चक्रवात से 2.14 लाख एकड़ फसल बर्बाद (Photo-IANS)

Cyclone Montha: आंध्र प्रदेश में बुधवार तड़के तट पार करने वाले भीषण चक्रवात मोंथा ने व्यापक विनाश किया। प्रारंभिक सरकारी आकलन के अनुसार, 18 लाख लोग प्रभावित हुए, जबकि 2.14 लाख एकड़ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। चक्रवात से दो लोगों की जान गई और 42 मवेशी मारे गए। प्रभावित जिलों में 1,209 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोगों को आश्रय प्रदान किया गया।

फसलों और किसानों पर गहरा असर

चक्रवात ने 249 मंडलों, 1,434 गांवों और 48 नगरपालिकाओं को प्रभावित किया। 304 मंडलों के 1,825 गांवों में 2.14 लाख एकड़ फसल नष्ट हुई, जिसमें 1.45 लाख एकड़ पर धान, कपास, मक्का और बाजरा जलमग्न हो गए। कुल 78,796 किसान इस आपदा की चपेट में आए। भारी बारिश और तेज हवाओं ने कृषि क्षेत्र को भारी क्षति पहुंचाई।

सड़कें और बुनियादी ढांचे का नुकसान

सड़क एवं भवन विभाग की 2,294 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं, जिससे 1,424 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ। पंचायत राज की कई सड़कें, 14 पुल और पुलिया भी ध्वस्त हो गए। जल आपूर्ति विभाग को 36 करोड़ और सिंचाई विभाग को 16.45 करोड़ रुपये की क्षति का सामना करना पड़ा। बाढ़ का पानी अभी भी 297 सड़कों पर बह रहा है, लेकिन पानी की दिशा बदलने के उपाय जारी हैं। अधिकारियों ने सड़कों पर गिरे 380 पेड़ों को हटा दिया है।

राहत और पुनर्वास प्रयास

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कोनासीमा जिले का दौरा किया, हवाई सर्वेक्षण किया और उदेलारेवु में राहत शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावितों से बातचीत की, आवश्यक वस्तुएं वितरित कीं और क्षतिग्रस्त फसलों का जायजा लिया। नायडू ने अधिकारियों को बिजली आपूर्ति व सड़कों को तुरंत बहाल करने, राहत केंद्रों में चावल व अन्य सामग्री शीघ्र वितरित करने के निर्देश दिए। चक्रवात तट पार करने के बाद राज्य में बारिश कम हो गई है।

सरकार की तैयारियां सराही गईं

नायडू ने कई चक्रवातों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य मशीनरी, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की एकजुटता से स्थिति संभाली गई। उन्होंने दावा किया है​ कि दो मौतों के अलावा किसी की जान नहीं गई। नेल्लोर, प्रकाशम और बापटला जिले भारी बारिश से, जबकि कुछ जिलों में तेज हवाओं से प्रभावित हुए। नुकसान का विस्तृत आकलन जारी है और प्रभावितों को जल्द सहायता का आश्वासन दिया गया।

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