
उमर अब्दुल्ला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगी BJP (Photo-IANS)
जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव आयोग में बीजेपी शिकायत दर्ज कराएगी। पार्टी ने बुधवार को कहा कि उमर अब्दुल्ला के खिलाफ EC में आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए शिकायत दर्ज कराएगी। दरअसल, सीएम ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) अगले वित्तीय वर्ष से मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के ओमपोरा से अस्थायी रूप से काम करना शुरू कर सकती है।
बता दें कि बडगाम विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 11 नवंबर को होने है और इस समय जिले में आचार संहिता लागू है।
बांदीपुरा में एनएलयू की स्थापना के संबंध में कांग्रेस विधायक निजाम-उद-दीन भट द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि विश्नविद्यालय के स्थान पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा। मुख्य परिसर के निर्माण में काफी समय लगेगा।
सीएम अब्दुल्ला ने सदन में कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान एनएलयू की स्थापना करना संभव नहीं है। हमारा इरादा अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में प्रवेश और कक्षाएं शुरू करने का है। फिलहाल हमें किराए के मकान में काम करना होगा।
सदन में सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा- मैंने अधिकारियों को संभावित स्थलों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। मेरे विचार से, ओमपोरा, बडगाम में एक सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क विकसित किया जा रहा था, लेकिन हमें वायु सेना से मंज़ूरी नहीं मिली। ओमपोरा में भवन और परिसर का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन वर्तमान में उनका उपयोग नहीं हो रहा है। अगर हमें कहीं और जगह नहीं मिलती है, तो हम वहाँ लॉ यूनिवर्सिटी का एक अस्थायी परिसर शुरू कर सकते हैं, साथ ही एक स्थायी परिसर पर भी काम कर सकते हैं।
वहीं उमर अब्दुल्ला के बयान पर बीजेपी ने आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। बीजेपी नेता सुनील शर्मा ने कहा कि सीएम अब्दुल्ला ने सारी हदें पार कर दीं और आचार संहिता का उल्लंघन किया है। बडगाम विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है और आचार संहिता लागू है। विधानसभा में उनका यह आश्वासन कि बडगाम में विधि विश्वविद्यालय काम करना शुरू कर देगा, चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।
उन्होंने सीएम उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने की भी बात कही। बीजेपी नेता ने कहा- अगर मुख्यमंत्री आदर्श आचार संहिता के दौरान ऐसी घोषणाएं कर सकते हैं, तो उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। जब एक मुख्यमंत्री चुनाव आयोग की आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो एक आम नागरिक से क्या उम्मीद की जा सकती है?
Published on:
29 Oct 2025 05:35 pm
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