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2 बार लोजपा कैंडिडेट को हरा चुके हैं नीतीश के ‘सदा’, इन वजहों से सोनवर्षा सीट को लेकर सबसे लड़ाई ले रही JDU

सोनवर्षा सीट पर जेडीयू की मजबूत पकड़ है, जिसे पार्टी किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती। रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि जेडीयू इस सीट पर चुनाव लड़ेगी। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है

2 min read

पटना

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Mukul Kumar

Oct 14, 2025

नीतीश कुमार और रत्नेश सदा। (फोटो- IANS)

बिहार में सोनवर्षा सीट को लेकर एनडीए के भीतर घमासान मच गया है। दरअसल, यह सीट इस बार केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के खाते में चली गई है। लेकिन जदयू भी इस सीट को छोड़ने तैयार नहीं है। वजह हैं जदयू विधायक और नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री रत्नेश सदा।

लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं रत्नेश सदा

रत्नेश सदा सोनवर्षा सीट से जेडीयू के विधायक हैं और उन्होंने 2010 से लगातार तीन बार इस सीट पर जीत हासिल की है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर यह साफ कर दिया कि जेडीयू इस सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है।

सोनवर्षा विधानसभा सीट सहरसा जिले में स्थित है और यह अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। सीएम नीतीश की इस सुरक्षित सीट पर मजबूत पकड़ है। लगातार तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज करने के बाद नीतीश किसी भी कीमत पर 'सुरक्षित सीट' को इस बार गंवाना नहीं चाहते हैं।

नीतीश कुमार के खास माने जाते हैं कैबिनेट मंत्री रत्नेश सदा

रत्नेश सदा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद खास माने जाते हैं क्योंकि वे जनता दल यूनाइटेड (JDU) के लिए कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं। एक तो उनकी छवि साफ है।

दूसरा यह कि वह मुसहर समुदाय (महादलित) से आते हैं, जो बिहार की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर सहरसा और कोसी क्षेत्र में। इससे जदयू को हमेशा फायदा मिलता है।

रत्नेश सदा नीतीश कुमार के प्रति हमेशा वफादार रहे हैं। बिहार की अस्थिर राजनीति में, जहां गठबंधन और दल-बदल आम हैं, रत्नेश ने जदयू के साथ अपनी निष्ठा बनाए रखी। नीतीश उन्हें एक भरोसेमंद नेता मानते हैं, जो पार्टी लाइन का पालन करते हैं।

इस वजह से एनडीए से लड़ाई ले रहे नीतीश

खास बात यह है कि रत्नेश सदा ने रिक्शा चालक से बिहार सरकार में मंत्री पद तक का सफर तय किया है। नीतीश कुमार इस तरह के कर्मठ लोगों को हेमशा पसंद करते आए हैं। यही भी एक वजह है कि वह रत्नेश सदा के लिए एनडीए से लड़ाई ले चुके हैं।

दो बार लोजपा प्रत्याशी को हरा चुके हैं नीतीश के 'सदा'

सबसे दिलचस्प बात यह है कि रत्नेश लगातार तीन बार सोनवर्षा सीट से विधायक हैं। दो बार वह चिराग पासवान के पिता की पार्टी लोजपा के कैंडिडेट को हराकर इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। 2010 और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में रत्नेश सदा ने सोनवर्षा में लोजपा की सरिता देवी को भारी अंतर से हराया था।

चूंकि, लोजपा इस सीट पर पहले दो बार जदयू के सामने पानी मांग चुकी है, इसलिए नीतीश कुमार सीट न खोने के इरादे को लेकर एनडीए में अपनी मांग पर अड़ गए हैं।