कफ सिरप को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट! थोक मेडिकल एजेंसियों की जांच, प्रतिबंधित दवा मिली नहीं..
Ban on Coldrif Cough Syrup: कफ सिरप से मध्यप्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौतों के मामले में तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश और केरल ने भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप को बैन कर दिया।
Ban on Coldrif in Kerala: केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Kerala's Health Minister Veena George) ने कहा फैसला अन्य राज्यों से आई उन रिपोर्टों के बाद लिया गया है जिनमें कोल्ड्रिफ सिरप के एक बैच में समस्याएं बताई गई थीं।
9 बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश में लगा बैन
Ban on Coldrif in Madhya Pradesh: इससे पहले, मध्यप्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रयोगशाला परीक्षणों में छिंदवाड़ा जिले में नौ बच्चों की मौत से जुड़े बैच से लिए गए नमूनों में अत्यधिक विषैले रसायन, डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद यह कदम उठाया गया। यह आदेश तमिलनाडु में किए गए प्रयोगशाला परीक्षणों के बाद जारी किया गया है, जिसमें कथित तौर पर इस दवा के बारे में चिंताजनक निष्कर्ष सामने आए थे।
Ban on Coldrif in Tamil Nadu: तमिलनाडु के कांचीपुरम में कोल्ड्रिफ के एक निर्माता के यहां से लिए गए कोल्ड्रिफ सिरप के नमूने में 48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल मौजूद था। यह किडनी और लिवर की गंभीर विफलता का कारण बन सकता है। अब स्वास्थ्य एजेंसियां छह राज्यों में 19 सैंपल की निर्माण इकाइयों में जांच कर रही हैं। वहीं, मध्यप्रदोश के छिंदवाड़ा व आसपास बच्चों की मौतों के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए एनआइवी, आइसीएमआर, नीरी और एम्स नागपुर की टीम अभी नमूनों और अन्य कारकों की जांच कर रही है।
मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा, सिरप की बिक्री पूरे मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित कर दी गई है। कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। यह सिरप तमिलनाडु की कांचीपुरम की एक फैक्ट्री में बनाया गया था, राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच करने का अनुरोध किया था। राज्य स्तर पर भी मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है।
डाइएथिलिन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) का इस्तेमाल एंटीफ़्रीज़, पेंट, और प्लास्टिक में किया जाता है। यह रसायन दवाओं के इस्तेमाल के लिए नहीं होता है। यह रंगहीन होता है और सिरप जैसा दिखता है।
डाइएथिलिन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का सेवन करने पर यह बेहद जहरीले यौगिकों में टूट जाते हैं। यह इतना खतरनाक होता है कि इसके चलते लीवन, किडनी और नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। जाहिर सी बात है कि यह छोटे बच्चों पर जल्दी और ज्यादा गंभीर असर करता है। इसके सेवन के बाद शुरुआती लक्षणों में उल्टी, पेट दर्द और कम पेशाब होना नजर आते हैं। इसके सेवन से किडनी फेल होने से लेकर मौत तक हो सकती है।
Published on:
05 Oct 2025 07:58 am
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