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गुड़ भट्ठियों से टैक्स वसूलने की तैयारी, प्रत्येक गुड़ भट्ठी को देना होगा पंचायत टैक्स

जिले में संचालित करीब 4 हजार गुड़ भट्ठियों को अपने क्षेत्र से संबंधित ग्राम पंचायत को एक से दो हजार रुपए तक का टैक्स जमा करना होगा।

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मंडियों में बढी नए गुड़ की आवक,मंडियों में बढी नए गुड़ की आवक,jaggery: दिवाली पर बढ़ी मिठास, नए गुड़ का श्रीगणेश, चीनी महंगी

नरसिंहपुर- जिले में संचालित करीब 4 हजार गुड़ भट्ठियों को अपने क्षेत्र से संबंधित ग्राम पंचायत को एक से दो हजार रुपए तक का टैक्स जमा करना होगा। इस संबंध में जिला पंचायत ने सभी पंचायतों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इनमें स्वयं के गन्ने की पिराई कर गुड़ बनाने वाले भट्ठी संचालकों से एक हजार और अन्य किसानों का गन्ना खरीदकर गुड़ बनाने वाले भट्ठी संचालकों के लिए दो हजार की राशि निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है जिले में गन्ने के सीजन में करीब ४ हजार गुुड़ भट्ठियां संचालित होती है,इनमें से कई जगहों पर किसानों द्वारा स्वयं ही इनका संचालन किया जाता है,वहीं कई जगहों पर दूसरे क्षेत्रों के व्यापारी आकर गुड़ बनाते हैं। करीब ४ माह तक चलने वाली यह भट्ठियां संबंधित पंचायत क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग भी करती है।
बिना टैक्स दिए नहीं मिलेगी एनओसी
नई व्यवस्था में गुड़ भट्ठी के संचालन को औद्योगिक गतिविधियों के अंतर्गत मानते हुए इन पर टैक्स लगाया गया है। जिला पंचायत से जारी पत्र में कहा गया है कि भट्ठी के संचालन में पर्यावरण संबंधी मानकों का भी उल्लघंन होता है,इसलिए ग्राम पंचायतें ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करते हुए इन पर वार्षिक शुल्क निर्धारित करें और कर की वसूली के बाद ही एनओसी जारी करें।
वर्जन
गुड़ भटिï्ठ्यों में पंचायत क्षेत्र के संसाधनों का उपयोग होता है,इसलिए इनका टैक्स संबंधित पंचायत द्वारा ही लिया जाएगा और वसूले गए टैक्स की राशि का उपयोग भी पंचायतों द्वारा गांव के विकास कार्याे में ही किया जाएगा।
सौरभ संजय सोनवणे सीईओ जिला पंचायत

जिले की करेली मंडी में पिछले सालों में हुई गुड़ की आवक
वर्ष- गुड़ की मात्रा क्विंटल में

2012-13 2,27,317
2013-14 4,03,506
2014-15 6,06,003
2015-16 7,79,939
2016-17 3,95,271
2017-18 7,07,271
2018-19 7,39,407
2019-20 6,33,412

मंडी टैक्स के साथ ही यह एक और टैक्स लेना गलत है
जैविक गुड़ उत्पादक किसान कृष्णपाल सिंह पटैल का कहना है कि अभी तक गुड़ भट्ठियों पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाता था, बिना जरूरी सुविधाएं प्रदान किए गुड़ भट्ठी पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। यदि किसान अपना गन्ना लेकर भट्ठी पर पहुंचते हैं तो उन्हें वहां तक जाने के लिए रास्ता तक पंचायत मुहैया नहीं करा पाती । गुड़ पर अप्रत्यक्ष रूप से मंडी टैक्स का भुगतान तो करना ही पड़ता है। ऐसे में एक और टैक्स लगाना उचित नहीं है।