नरसिंहपुर. महाकोशल सुगर मिल पर गन्ना किसानों के लाखों रुपए के बकाया भुगतान का मामला अभी तक सुलझा नहीं है। सोमवार को मिल का घेराव करने वाले किसानों ने देर रात मिल के एमडी रजा नवाब के इस आश्वासन पर धरना खत्म कर दिया था कि मंगलवार को उनका भुगतान कर दिया जाएगा। जिसके बाद किसान अपने घर चले गए थे। मंगलवार को भी किसानों की बकाया राशि उन्हें नहीं मिली। किसान शाम तक उनके खातों में राशि जमा करने का इंतजार करते रहे। दूसरी ओर जिला प्रशासन ने भी उनकी इस मामले में कोई मदद नहीं की और सुगर मिल प्रबंधन के पक्ष में ही खड़ा नजर आया।
43 किसानों के 91 लाख रुपए के भुगतान पर अड़ा मामला
किसानों का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष ऋषिराज पटेल ने मिल प्रबंधन को ४३ किसानों की सूची सौंपी थी। जिनका करीब ९१ लाख रुपए का भुगतान बकाया है। मिल प्रबंधन ने इस बात का आश्वासन दिया था कि मंगलवार सुबह से खातों में राशि जमा करा दी जाएगी। मंगलवार शाम को जब पटेल ने महाकोशल सुगर मिल के एमडी रजा नवाब से किसानों को किए गए भुगतान की सूची सहित जानकारी मांगी तो नवाब ने देने से इनकार कर दिया और यह भी नहीं बताया कि कितने किसानों को भुगतान किया गया। दूसरी ओर मिल के जीएम ने जवाब दिया कि उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि सोमवार को एमडी रजा नवाब अपने स्टाफ के साथ मिल चालू करने पहुंचे थे तो किसानों ने भुगतान न होने पर मिल चालू न होने देने की चेतावनी देते हुए मिल का घेराव किया था। मामला बिगड़ते देख मिल के एमडी ने किसानों से बात कर कुछ ही घंटों में किसानों के बकाया भुगतान करने का आश्वासन दिया था।
अनियमितताओं के कारण महाकोशल मिल रही चर्चा में आयकर विभाग का पड़ चुका है छापा
महाकोशल सुगर मिल किसानों के भुगतान में दो -दो साल के विलंब को लेकर हमेशा चर्चा में रही है। हर सुगर सीजन पर यहां किसानों का प्रदर्शन होता ही है। मिल में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर यहां आयकर विभाग का छापा पड़ा था। जिसमें प्रारंभिक तौर पर २०० करोड़ रुपए की अनियमितता सामने आई थी। आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों में यह बात सामने आई थी कि गन्ना किसानों को लाखों रुपए का भुगतान दिखाया गया जबकि किसानों का वास्तव में भुगतान नहीं किया गया था। विभाग ने महाकोशल सुगर मिल के अलावा रजा नवाब के भोपाल स्थित ठिकानों पर छापे मारे थे।
पुराना बकाया चुकाए बिना चालू नहीं हो सकती मिल
गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर शासन के निर्देश हैं कि जब तक पुराने सीजन का बकाया न चुका दिया जाए तब तक नए सीजन में मिल को चालू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती , पर रसूखदार मिल मालिकों के आगे प्रशासन हमेशा हाथ जोड़े खड़ा नजर आता है। जिसकी वजह से महाकोशल मिल पर किसानों का करीब एक करोड़ रुपए बकाया होने के बावजूद प्रशासन ने मिल चालू करने की अनुमति दे दी और बकाया भुगतान भी नहीं दिलाया।
वर्जन
महाकोशल सुगर मिल के एमडी रजा नवाब से बकाया भुगतान को लेकर चर्चा हुई थी । मिल प्रबंधन ने किसानों को जो पोस्ट डेटेड चेक दिए थे वे बाउंस हो गए थे। नवाब ने मंगलवार तक सभी के भुगतान का आश्वासन दिया था।
डॉ.अभिषेक दुबे सहायक संचालक गन्ना विभाग
--------------------------
वर्जन
महाकोशल सुगर मिल के एमडी रजा नवाब ने सोमवार की रात यह आश्वासन दिया था कि मंगलवार तक सभी का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा। मैंने उन्हें ४३ किसानों के ९१ लाख रुपए के बकाया की सूची दी थी। मंगलवार शाम को नवाब ने किए गए भुगतान व बकाया की जानकारी देने से मना कर दिया। नवाब की नीयत साफ नजर नहीं आती। प्रशासन नवाब के पक्ष में काम कर रहा है।
ऋषिराज पटेल, प्रांतीय अध्यक्ष राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ
--------------------------
Published on:
15 Nov 2022 08:28 pm