Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पिकअप चालक से लूट की घटना निकली झूठी, परिवादी चालक व गाड़ी मालिक गिरफ्तार

लूट के प्रकरण में नागौर पुलिस की त्वरित कार्रवाई, अंतर जिला पुलिस कॉर्डिनेशन से 12 घण्टे में किया पर्दाफाश

2 min read
Google source verification
परिवादी चालक व गाड़ी मालिक गिरफ्तार

परिवादी चालक व गाड़ी मालिक गिरफ्तार

नागौर. सदर थाने में गुरुवार को दर्ज कराए गए लूट के प्रकरण का खुलासा करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नागौर पुलिस ने अंतर जिला पुलिस कॉर्डिनेशन से 12 घण्टे में लूट की घटना का पर्दाफाश कर लूट की झूठी रिपोर्ट देने वाले पिकअप चालक हुक्मचंद एवं पिकअप मालिक मंगनाराम को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि झूठा प्रकरण दर्ज करवाने पर धारा 217 बीएनएस 2023 में एक वर्ष तक कैद व 10,000 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को नोखा थाना क्षेत्र के सुरपुरा निवासी हुकमचंद गर्ग ने सदर थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि गुरुवार सुबह पिकअप से चारा बेचकर वह नागौर से गांव सुरपुरा जा रहा था। सुबह करीब सवा 10 बजे साईंजी का टांका के आगे से निकला तब एक पीछे से एक सफेद कार में सवार युवकों ने उसका रास्ता रोककर 18,400 रुपए व गाड़ी की चाबी छीन कर भा गए। पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार टीम का गठन कर तकनीकी एवं मानवीय आसूचना संकलित करते हुए तथाकथित कार का पता लगाकर पीछा किया। पुलिस थाना परागपुर (कोटपुतलीबहरोड़) की टीम के सहयोग से नाकाबंदी करवाकर संदिग्धों को मय कार दस्तयाब कर थाने लाए। उनसे पूछताछ की तो मामला वाहन को साइड देने की बात को लेकर आपसी कहासुनी का सामने आया। इसके बाद परिवादी पक्ष से पूछताछ करने पर वाहन चालक हुक्मचंद व वाहन मालिक मंगनाराम ने घटना को लेकर झूठा मुकदमा दर्ज करवाना स्वीकार किया। पुलिस ने हुक्मचंद गर्ग व मंगनाराम जाट को गिरफ्तार कर लिया।

ईंधन का ऑनलाइन भुगतान किया तो पुलिस को हुआ शक

थानाधिकारी ने बताया कि परिवादी ने रिपोर्ट में केवल कार का हवाला दिया, जिसके बाद करीब तीन घंटे तक अलग-अलग जगह के सीसी टीवी कैमरे के फुटेज देखकर पहले कार के नम्बर पता किए। उसके बाद कार मालिक का पता लगाकर उससे बात की तो उसने बताया कि बच्चे कार लेकर घूमने गए हैं। इसके बाद पुलिस ने कार सवार युवकों के मोबाइल की लोकेशन निकालकर परागपुर थाना पुलिस के सहयोग से कार को रुकवाकर युवकों से पूछताछ की। उन्होंने लूट करने से मना कर दिया। तलाशी लेने पर मात्र 1300 रुपए मिले। इसके बाद पुलिस ने गहनता से पूछताछ की तो पता चला कि युवकों ने रास्ते में ईंधन भरवाया और उसका भुगतान ऑनलाइन किया, इससे पुलिस को लूट की वारदात झूठी होने का शक हो गया। युवकों के पास नकद पैसे होते तो ऑनलाइन भुगतान नहीं करते। इसके बाद परिवादी को थाने बुलाकर सख्ती से पूछताछ करने पर उसने सच बोल दिया।