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3 महीने में 8 मुलाकातें, लेकिन गठबंधन का ऐलान नहीं… उद्धव और राज ठाकरे के बीच कहां फंसा पेच?

Maharashtra Politics: हाल ही में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने यह बयान देकर हलचल बढ़ा दी कि बीएमसी चुनाव में पार्टी का उद्धव ठाकरे की शिवसेना या राज ठाकरे की मनसे से कोई गठबंधन नहीं होगा।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 23, 2025

Raj Thackeray and Uddhav Thackeray unite

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (Photo: IANS)

महाराष्ट्र निकाय चुनाव को लेकर सूबे की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। गठबंधन की अटकलों के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे बुधवार को अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके निवास ‘शिवतीर्थ’ पर मिले। बताया गया कि उद्धव ठाकरे अपनी चाची और राज की मां कुंदा ठाकरे को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं देने पहुंचे थे।

दिलचस्प बात यह है कि यह इस महीने दोनों नेताओं की चौथी और बीते जुलाई से अब तक आठवीं मुलाकात थी। कभी एक-दूसरे के कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे ठाकरे भाइयों के बीच बढ़ती नजदीकियों ने राज्य की सियासत में नए समीकरणों को जन्म दिया है।

दोनों नेता इसी साल जुलाई में तब साथ आए थे, जब महाराष्ट्र सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने का फैसला लिया था। इसके बाद से वे कई मौकों पर साथ देखे गए हैं, जिनमें पिछले हफ्ते शिवाजी पार्क में मनसे द्वारा आयोजित ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम भी शामिल है।

राज ठाकरे ने 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़कर मनसे की स्थापना की थी। उस समय उन्होंने पार्टी से अपने अलग होने के लिए उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन 2024 के विधानसभा चुनावों में दोनों दलों के खराब प्रदर्शन के बाद अब दोनों नेताओं ने पुरानी कटुता भुलाकर ‘ठाकरे ब्रांड’ के तहत एक साझा राजनीतिक रास्ता तलाशना शुरू कर दिया है।

शिवसेना (उबाठा) और मनसे के कुछ नेताओं का दावा है कि राज्य में 31 जनवरी 2026 से पहले होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले दोनों दलों का एक होना अब सिर्फ औपचारिकता भर रह गया है। हालांकि उद्धव और राज की लगातार मुलाकातों के बावजूद अभी तक किसी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है।

कहीं कांग्रेस तो वजह नहीं!

इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाई जगताप ने यह बयान देकर हलचल बढ़ा दी कि मुंबई महानगरपालिका चुनाव (BMC) में कांग्रेस का उद्धव ठाकरे की शिवसेना या राज ठाकरे की मनसे से कोई गठबंधन नहीं होगा। इस बयान पर दोनों दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

हालांकि कांग्रेस की मुंबई इकाई की प्रमुख वर्षा गायकवाड ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि जगताप की यह टिप्पणी उनकी व्यक्तिगत राय है और ऐसे फैसले व्यक्तिगत तौर पर नहीं लिए जाते हैं।

विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए), जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) शामिल हैं। लेकिन ठाकरे भाइयों की लगातार मुलाकातों ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिनों में कुछ बड़ा देखने को मिल सकता है।

हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा था कि महाविकास आघाड़ी में मनसे को शामिल करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन पर फैसला लेने का अधिकार स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। इस बयान के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा), मनसे और एनसीपी शरद पवार गुट एक साथ आते हैं, तो कांग्रेस इस गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।