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‘जो चीज 10-20 वर्ष से हैं, उसके लिए अब शोर मचा रहे…नियम-कानून तक नहीं पता’, फडणवीस ने विपक्ष को जमकर सुनाया

विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (MVA) और उसके सहयोगी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मंत्रालय में स्थित कार्यालय में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम से मुलाकात की। इस पर सीएम फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

3 min read

मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 16, 2025

Fadnavis on Thackeray brothers

कोई किसी के साथ भी जाए, जीतेगा तो भाजपा गठबंधन ही...ठाकरे भाईयों को लेकर फडणवीस का बड़ा बयान

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है। मुंबई महानगरपालिका समेत जिला परिषद, नगर पालिका और महानगर पालिकाओं के चुनावों की तारीखों की घोषणा जल्द होने वाली है। इस बीच विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया। विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मुलाकात कर मतदाता सूची में सुधार कर चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे, मनसे प्रमुख राज ठाकरे सहित अन्य विपक्षी दलों के बड़े नेता शामिल थे।

विपक्ष को नियम-कानून तक पता नहीं- फडणवीस 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाविकास आघाडी (MVA) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से भ्रमित है और केवल दिखावा करने में लगा हुआ है। फडणवीस ने कहा, “मैंने अपने जीवन में इतना कंफ्यूज विपक्ष कभी नहीं देखा। इतने बड़े-बड़े नेता हैं, फिर भी उन्हें यह नहीं पता कि किससे मिलना है और किस विषय पर कहां बात करनी है? लेकिन मुझे लगता है कि असल में उन्हें सब पता है, यह सब केवल एक धारणा बनाने के लिए किया जा रहा है क्योंकि उन्हें पहले से अंदाजा है कि वे हारने वाले हैं।”

सोलापुर में पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा नेता फडणवीस ने बताया कि महाविकास आघाडी के नेता मंगलवार को पहले राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम से मिलने गए, जबकि स्थानीय निकाय चुनावों की जिम्मेदारी किसी और अधिकारी (दिनेश वाघमारे) के पास है। उन्होंने कहा, “चोकलिंगम का स्थानीय चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। उसके लिए अलग कानून और नियम हैं। फिर भी ये नेता गलत जगह पहुंच गए और बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वे गलत जगह आए है तो बुधवार को फिर राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी दिनेश वाघमारे से मिलने गए।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरे चुनाव की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की होती है। आमतौर पर विधानसभा और लोकसभा की मतदाता सूची को आधार बनाकर स्थानीय चुनावों के लिए सूची तैयार की जाती है, जिसमें लोगों को आपत्ति दर्ज कराने, नाम जोड़ने या हटाने का मौका दिया जाता है। फडणवीस ने कहा, “अगर किसी के पास कोई ठोस सबूत है तो उसे आयोग के पास देना चाहिए, लेकिन ये लोग ऐसा कुछ नहीं करते। इन्हें कानून की जानकारी नहीं है, बस दिखावा करना आता है।”

अघाडी पर किया कटाक्ष

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मतदाता सूची में डुप्लिकेट नाम कोई नई बात नहीं है। “ये नाम पिछले 10-20 सालों से सूची में हैं। जब वे सत्ता में थे, तब भी यही नाम थे। हमने कई बार इस पर आपत्ति जताई, लेकिन अब ये लोग इसे मुद्दा बनाकर राजनीति कर रहे हैं। सच तो यह है कि उन्हें अपनी हार साफ दिखाई दे रही है।”

‘पवार साहब सबसे समझदार’

फडणवीस ने आगे कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने स्थिति को समझ लिया है, इसलिए वे फिर से महाविकास आघाडी के नेताओं के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी से मिलने उनके साथ नहीं गए।

उन्होंने कहा, “दो दिनों में उन्होंने जो चक्कर लगाए, वो पूरी तरह से बेकार थे, उन्हें पता ही नहीं कि वो क्या कर रहे हैं। इन सब लोगों में पवार साहब सबसे समझदार हैं, उन्हें पहली बार जाने पर ही एहसास हो गया कि ये गलत था, इसीलिए वो दोबारा ठाकरे भाईयों के साथ नहीं गए।"

ठाकरे भाईयों को लेकर फडणवीस का बड़ा बयान

मनसे प्रमुख राज ठाकरे के महाविकास आघाडी नेताओं के साथ आने पर पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा, “कोई भी किसी के साथ जा सकता है, यह लोकतंत्र है। लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा-शिवसेना-एनसीपी के महायुति गठबंधन की जीत तय है। हमारे जीतने के बाद विपक्ष आज की तस्वीरें दिखाकर तब कहेगा कि चुनाव में गड़बड़ी हुई थी, हमने पहले ही चेतावनी दी थी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। महाराष्ट्र की जनता महायुति के साथ है और जीत हमारी ही होगी।”