मुंबई में फर्जी परमाणु वैज्ञानिक गिरफ्तार (AI Image)
मुंबई क्राइम ब्रांच की सीआईयू यूनिट ने शहर में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। अधिकारियों ने 60 वर्षीय अख्तर हुसैन कुतुबुद्दीन अहमद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो खुद को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) का वैज्ञानिक बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था। पुलिस जांच में सामने आया कि अख्तर पिछले 20 साल से नकली पहचान अलेक्जेंडर पामर बनकर रह रहा था। उसके पास से तीन फर्जी पासपोर्ट, जाली शैक्षणिक डिग्रियां और कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए है। यह मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
मुंबई पुलिस ने वर्सोवा स्थित उसके घर पर छापा मारकर 14 संवेदनशील नक्शे और दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे परमाणु बम डिजाइन से जुड़े हो सकते हैं। इसके अलावा, पुलिस को एक नकली बीएआरसी पहचान पत्र भी मिला, जिस पर अख्तर की तस्वीर तो थी, लेकिन नाम अली रजा हुसैनी लिखा हुआ था। यह कार्ड असली आईडी से इतना मेल खाता था कि एक नजर में पहचानना मुश्किल था।
अधिकारियों का कहना है कि अब यह जांच की जा रही है कि क्या अख्तर ने इस नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल बीएआरसी के प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने या वहां की संवेदनशील तस्वीरें लेने के लिए किया था। मौके से पुलिस ने तीन फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मोबाइल फोन और कई पेन ड्राइव जब्त किए हैं। इसके अलावा घर से न्यूक्लियर प्लांट के ब्लूप्रिंट भी मिले हैं, जिन्हें सुरक्षा एजेंसियां खंगाल रही हैं। वहीँ, सभी डिजिटल उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
जांच में पुलिस को शक है कि अख्तर ने इन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कई जगहों पर धोखाधड़ी के लिए किया होगा। अधिकारियों के मुताबिक, अख्तर लगातार अपना नाम और पहचान बदलता रहा, जिससे उस पर शक गहराता गया। फिलहाल यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, और जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि अख्तर ने ये संवेदनशील जानकारियां कहां से हासिल कीं और उसका असली मकसद क्या था।
Updated on:
22 Oct 2025 08:33 pm
Published on:
22 Oct 2025 08:23 pm
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