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1 नवंबर से बिजली विभाग में बड़ा बदलाव! 9 शहरों में खत्म होगा 41 साल पुराना सिस्टम, उपभोक्ताओं को मिलेगी ये सेवा

UP Electricity: उत्तर प्रदेश में 1 नवंबर से बिजली विभाग की 41 साल पुरानी व्यवस्था खत्म होकर नई वर्टिकल रीस्ट्रक्चरिंग प्रणाली लागू की जा रही है। इस फेसलेस और नेमलेस सिस्टम से उपभोक्ताओं को पारदर्शी, जवाबदेह और तेज सेवाएं मिलेंगी।

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up electricity department new structure implemented from november 1

1 नवंबर से बिजली विभाग में बड़ा बदलाव! AI Generated Image

UP electricity department new structure implemented: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की 41 साल पुरानी व्यवस्था अब इतिहास बनने जा रही है। सरकार एक नवंबर से नई वर्टिकल रीस्ट्रक्चरिंग सिस्टम लागू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को पारदर्शी और जवाबदेह सेवाएं प्रदान करना है। यह व्यवस्था पहले से लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, कानपुर, सहारनपुर, नोएडा और गाजियाबाद में ट्रायल के रूप में लागू की गई थी, जो सफल रही। अब राज्य के अन्य जिलों में भी एक साथ यह प्रणाली शुरू की जाएगी।

अब काम होगा सीधे सिस्टम से

नई व्यवस्था के तहत बिजली से जुड़े सभी कार्य जैसे नया कनेक्शन लेना, लोड बढ़ाना या घटाना, बिल सुधार, मेंटेनेंस, या सप्लाई की शिकायत अब अलग-अलग शाखाओं और अधिकारियों के माध्यम से निपटाए जाएंगे। इस सिस्टम की खास बात यह है कि यह पूरी तरह फेसलेस और नेमलेस होगा। यानी उपभोक्ता को यह नहीं पता होगा कि उसका आवेदन किस अधिकारी के पास है। इससे भ्रष्टाचार की संभावना घटेगी और कार्य प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।

अब किसी भी समस्या के समाधान के लिए उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1912 या शहर में बने हेल्प डेस्क से सीधे संपर्क कर सकेंगे। यह सुविधा उपभोक्ताओं के समय और मेहनत दोनों को बचाएगी।

वन विंडो सिस्टम खत्म

वर्तमान में लागू वन विंडो सिस्टम में एक ही अधीक्षण अभियंता (SE) और उनके अधीन सहायक अभियंता (AE) व जूनियर इंजीनियर (JE) पर बिजली आपूर्ति और रेवेन्यू दोनों की जिम्मेदारी होती थी। नई प्रणाली में इन दोनों कार्यों को अलग-अलग शाखाओं में बांटा गया है ताकि हर विभाग अपने काम के प्रति स्पष्ट रूप से जवाबदेह हो सके।

इस बदलाव से बिजली आपूर्ति, बिलिंग और मेंटेनेंस जैसे कार्यों की गति और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।

9 शहरों में लागू होगा सिस्टम

मुख्य बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मेरठ, अलीगढ़, बरेली और कानपुर में नई व्यवस्था का ट्रायल सफल रहा है। अब इसे अगले चरण में मुरादाबाद सहित नौ प्रमुख शहरों में लागू किया जा रहा है। यह प्रयोग सफल रहने पर इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू करने की योजना है।

अधिकारियों का कहना है कि यह परिवर्तन पूरी तरह जनहित में किया गया निर्णय है, ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा और त्वरित समाधान मिल सके। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यह मॉडल पूरे प्रदेश में एक समान रूप से लागू हो और बिजली सेवाएं पूरी तरह तकनीकी और पारदर्शी प्रणाली से संचालित हों।