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लड़कियां चांद पर, सोच अब भी जमीन पर! मुरादाबाद वर्जिनिटी सर्टिफिकेट विवाद पर निदा खान का तीखा प्रहार

Moradabad News: मुरादाबाद मदरसा विवाद में निदा खान ने मुस्लिम महिलाओं को गुलाम समझने वाली मानसिकता पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जब लड़कियां चांद पर पहुंच रही हैं, तब भी कुछ लोग महिलाओं को कमजोर मानते हैं।

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nida khan statement on moradabad madarsa virginity certificate controversy

लड़कियां चांद पर, सोच अब भी जमीन पर! Image Source - 'X' @NidaKhan

Madarsa virginity certificate controversy in Moradabad: मुरादाबाद मदरसा प्रकरण ने समाज के संवेदनशील तबकों में हलचल मचा दी है। इस मामले में आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान ने कड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि “आज जब भारत की बेटियां चांद पर झंडा फहरा रही हैं, तब भी कुछ लोग मुस्लिम महिलाओं को गुलाम से ज्यादा कुछ नहीं समझते।”

निदा खान ने ऐसी सोच को बीमार मानसिकता बताया और कहा कि यह लोग अपनी तथाकथित धार्मिक छवि के पीछे महिलाओं को कमजोर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो मौलाना इस तरह के बयान या हरकतें करते हैं, वे अपने मेंटल स्टेटस का प्रमाण देते हैं कि वे महिलाओं को किस नजर से देखते हैं।”

समाज के दुश्मन हैं ऐसी सोच वाले लोग- निदा खान

निदा खान ने आगे कहा कि यह वही लोग हैं जो समाज में नफरत और डर का माहौल पैदा करते हैं। उनकी वजह से मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा और आत्मविश्वास पर असर पड़ता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।

उनका कहना था कि “हमारी बेटियां किसी की गुलाम नहीं, वे हमारे समाज का गर्व हैं। ऐसे लोग समाज के दुश्मन हैं और इनकी मानसिकता को उजागर करना जरूरी है।”

दरगाह आला हजरत संगठन ने भी जताया विरोध

वहीं, दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रज़ा-ए-मुस्तफा ने भी इस प्रकरण की निंदा की है। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने कहा कि मदरसे धार्मिक शिक्षा के केंद्र हैं, जहां नैतिकता और मानवता की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों से न तो शिक्षा का स्तर सुधरेगा और न ही नारी सशक्तिकरण को कोई बल मिलेगा।

उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए ताकि भविष्य में किसी भी संस्थान में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

नारी सशक्तिकरण पर लगा दाग, समाज में उठे सवाल

मुरादाबाद मदरसा विवाद ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, तब भी कुछ तबके अब भी महिलाओं को पिछड़े नजरिए से क्यों देखते हैं? निदा खान और आला हजरत संगठनों के बयानों ने यह साफ कर दिया है कि समाज अब ऐसे मुद्दों पर चुप नहीं बैठेगा।