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प्रेमानंद महाराज का धीरेंद्र शास्त्री को गले लगाते ही छलका प्रेम, बोले- पता नहीं अब मिलन हो न हो, सुनकर हर आंख हुई नम!

Mathura News: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज इन दिनों किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन उनकी सोच ने लाखों भक्तों को भावुक कर दिया है। उन्होंने कहा कि हर जन्म में मेरी किडनी फेल हो जाए, क्योंकि इसी पीड़ा ने मुझे...

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मथुरा

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Mohd Danish

Oct 15, 2025

premanand maharaj kidney failure spiritual message from vrindavan mathura

प्रेमानंद महाराज का धीरेंद्र शास्त्री को गले लगाते ही छलका प्रेम | Image Source - 'X' @RadhaKeliKunj

Premanand Maharaj Spiritual Message in Mathura: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज लंबे समय से किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। उन्हें बीमार देख देश-विदेश के लाखों अनुयायी चिंतित हैं और उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे हैं। इस बीच, महाराज का एक भावुक बयान सामने आया है, उन्होंने कहा कि वे हर जन्म में अपनी किडनी फेल होने की कामना करते हैं, क्योंकि इस पीड़ा ने उन्हें ईश्वर के प्रति सच्चे समर्पण का अनुभव कराया है।

जब किडनी खराब हुई, तब समझा समर्पण क्या होता है

प्रेमानंद महाराज ने कहा, “जब ईश्वर का चिंतन होता है, तब कोई भी प्रतिकूलता वास्तव में अनुकूल बन जाती है। मेरी किडनी की बीमारी ने मुझे वह सिखाया, जो वर्षों की साधना भी नहीं सिखा सकी। जब शरीर ने साथ छोड़ दिया, तब मुझे भीतर से अहसास हुआ कि अब सब ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।” उनके इस वक्तव्य ने लाखों भक्तों की आंखें नम कर दीं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने समर्पण किया तभी उनके भीतर का ‘अभ्यास का अहंकार’ समाप्त हुआ और वही क्षण उनके जीवन का सच्चा मोड़ था।

बाबा बागेश्वर से मुलाकात के दौरान छलका भाव

हाल ही में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रेमानंद महाराज से मिलने केली कुंज आश्रम, वृंदावन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रेमानंद महाराज से कहा, “आप बीमार नहीं हैं, यह आपकी लीला है।” यह सुनकर महाराज जोर से हँस पड़े। मुलाकात के दौरान माहौल श्रद्धा और भावनाओं से भर गया।

हर जन्म में किडनी खराब हो जाए, प्रेमानंद महाराज की अनोखी कामना

महाराज ने आगे कहा, “अब मैं चाहता हूँ कि हर जन्म में मेरी किडनी खराब हो जाए और मैं सदैव प्रिया-प्रीतम के प्रभाव में रहूँ। जब इंसान किसी चीज के योग्य नहीं रह जाता तब ईश्वर उसका हाथ थाम लेते हैं।” उन्होंने कहा कि यह पीड़ा उन्हें लाडली जी के और करीब ले आई और यही उनके जीवन का सबसे बड़ा वरदान है।

भक्तों में उमड़ा भावनाओं का सैलाब

प्रेमानंद महाराज के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं की भावनाएं उमड़ पड़ी हैं। लोग कह रहे हैं कि यह बयान आध्यात्मिक समर्पण और भक्ति का सर्वोच्च उदाहरण है। कई भक्तों ने लिखा, “जिनकी सोच इतनी पवित्र है, उनकी किडनी नहीं, बल्कि समर्पण ही अमर है।”