
योगी सरकार की सख्त नीति से नशे के कारोबार पर कसी नकेल, आठ यूनिट और छह थाने सक्रिय (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
ANTF Success: उत्तर प्रदेश में नशे के खिलाफ जारी जंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गठित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने बड़ी सफलता हासिल की है। गठन के बाद से अब तक 334 करोड़ रुपये मूल्य के अवैध मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं, जबकि 863 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। यह उपलब्धि प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नशे के बढ़ते जाल को तोड़ने और समाज को मादक पदार्थों की बुराई से मुक्त कराने के उद्देश्य से 4 सितंबर 2022 को ANTF का गठन किया था। इस टास्क फोर्स को उच्च स्तरीय तकनीकी उपकरण, विशेष प्रशिक्षण प्राप्त बल और आधुनिक जांच प्रणाली से लैस किया गया है। वर्तमान में मेरठ, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में ANTF की आठ ऑपरेशनल यूनिट सक्रिय हैं। वहीं बाराबंकी, गोरखपुर, मेरठ, सहारनपुर, झांसी और गाजीपुर में इसके छह समर्पित थाने कार्यरत हैं।
आईजी कानून-व्यवस्था एल.आर. कुमार के अनुसार, गठन के बाद से अब तक 303 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इन अभियानों के दौरान ANTF ने विभिन्न जिलों में छापेमारी करते हुए भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किए।
इनमें शामिल हैं --
कुल मिलाकर अब तक 34,478 किलो अवैध मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत 334 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
ANTF ने केवल गिरफ्तारी तक ही सीमित न रहते हुए तस्करों की अवैध संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा है। 27 प्रकरणों में 30 आरोपितों की कुल ₹4.66 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। यह कार्रवाई नशे के व्यापार को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है। संपत्तियों की जब्ती के साथ-साथ पुलिस ने संबंधित विभागों से समन्वय कर उन परिसरों और वाहनों को भी सील किया है, जिनका उपयोग मादक पदार्थों की तस्करी में किया जाता था।
मादक पदार्थों के निस्तारण को पारदर्शी बनाने के लिए सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेटों में ‘ड्रम्स डिस्पोजल कमेटी’ का गठन किया गया है। इन समितियों के माध्यम से अब तक भारी मात्रा में नष्टिकरण की कार्रवाई की जा चुकी है।
ANTF की विशेषता यह है कि यह केवल राज्य पुलिस का नहीं बल्कि एक इंटर-एजेंसी फोर्स के रूप में कार्य कर रही है। यह एनसीबी (Narcotics Control Bureau), डीआरआई (Directorate of Revenue Intelligence), एसएसबी, एनआईए और रेलवे पुलिस जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा ऑपरेशन चलाती है। इस रणनीति के तहत राज्य की सीमाओं से बाहर होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर भी निगरानी रखी जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एएनटीएफ की उपलब्धि पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यह टास्क फोर्स “नशा मुक्त उत्तर प्रदेश” की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि “नशे का व्यापार केवल अपराध नहीं बल्कि समाज और परिवार को तोड़ने वाली बुराई है। इसे समाप्त करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
ANTF को अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन निगरानी, डिजिटल इंटेलिजेंस और साइबर ट्रैकिंग से लैस किया गया है। प्रत्येक यूनिट को निरंतर नारकोटिक्स लॉ, एनालिटिकल जांच, और कम्युनिकेशन सर्विलांस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे तस्करी के नेटवर्क की पहचान कर उसे मूल स्रोत तक समाप्त करने में मदद मिल रही है।
राज्य सरकार के निर्देश पर ANTF ने विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘Say No to Drugs’ अभियान चलाया है। इसके तहत छात्रों को नशे के दुष्प्रभाव, कानूनी प्रावधानों और पुनर्वास योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। सामाजिक संगठनों और एनजीओ के सहयोग से “जनसहभागिता आधारित नशा उन्मूलन” को बढ़ावा दिया जा रहा है। आईजी एल.आर. कुमार ने बताया कि आने वाले समय में एएनटीएफ की यूनिट्स का विस्तार सभी मण्डलों तक किया जाएगा। साथ ही साइबर नारकोटिक्स सेल की स्थापना की जा रही है, जो सोशल मीडिया और डार्क वेब पर सक्रिय तस्करी गिरोहों पर निगरानी रखेगी।
Updated on:
31 Oct 2025 11:39 pm
Published on:
31 Oct 2025 11:10 pm
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