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आखिरी नेहरू भवन आने से क्यों कतराते हैं राहुल-प्रियंका, 2019 से नहीं गए पार्टी कार्यालय; आखिर क्या वजह?

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक जमीन पहले ही संकुचित हो चुकी है, वहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सालों से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय ‘नेहरू भवन’ से दूरी बनाए हुए हैं।

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RAHUL GHANDI OR PRIYANKA GHANDI

PATRIKA GRAPHIC TEAM

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक जमीन पहले ही संकुचित हो चुकी है, वहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सालों से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय ‘नेहरू भवन’ से दूरी बनाए हुए हैं।

सवाल उठता है कि आखिर वे बार-बार लखनऊ आने के बावजूद वहां क्यों नहीं जाते? क्या यह रणनीतिक चूक है या संगठनात्मक जड़ता का संकेत?

सवाल कांग्रेस की वापसी का आता है, तो एक तस्वीर बार-बार आंखों में उभरती है लखनऊ का 'नेहरू भवन' खामोश, खाली, और एक प्रतीक्षा में डूबा हुआ।

पूर्व कांग्रेसी नेता कैलाश पांडे कहते हैं की राहुल और प्रियंका की नेहरू भवन से दूरी का कोई मसला नहीं है, जब भी कोर्ट में पेशी होती है तो राजनैतिक कार्यक्रम नहीं बनाया जाता, क्योंकि कोर्ट में समय लग सकता है, कार्यालय नहीं आने की कोई बड़ी वजह नहीं है

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी के अनुसार राहुल गांधी के पास पूरे देश की जिम्मेदारी है, वे हर राज्य की आवाज़ बनने का कार्य कर रहे हैं।

इसके बावजूद, जब भी उत्तर प्रदेश की जनता को उनकी जरूरत होती है, वह बिना देरी के उनके साथ खड़े दिखाई देते हैं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में उत्तर प्रदेश से आए लोगों के लिए अलग व्यवस्था बनी हुई हैं जो कभी भी पहुंचे तो राहुल गांधी मिलते जरूर हैं।

नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी हाईकमान से कुछ लोग नहीं चाहते कि अन्य नेता सीधे संपर्क में आएं। यही कारण है कि न तो बुलाया जाता है, न वे आते हैं।