
Controversial Statement (फोटो सोर्स : Ritesh Singh )
Mayawati Slams Ex-BJP MLA Over ‘Bring Muslim Girl, Get Job’ Remark: भाजपा के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह के विवादित बयान “मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ” पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिना नाम लिए पूर्व विधायक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस तरह के बयान सभ्य समाज और संवैधानिक सरकार के लिए खुली चुनौती हैं। मायावती ने चेतावनी दी कि ऐसे शरारती और अराजक तत्वों का "विषैला हिंसात्मक खेल" करोड़ों लोगों के जीवन, संपत्ति और धर्म के लिए खतरा बन सकता है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यूपी, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में कुछ तत्व धर्म परिवर्तन, लव जिहाद जैसे मुद्दों का बहाना बनाकर समाज में नफरत का जहर फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग कानून को अपने हाथ में लेकर सांप्रदायिक और जातिवादी द्वेष को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे समाज में अशांति और अराजकता का वातावरण बनता जा रहा है। मायावती ने सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि सरकारों को इन आपराधिक तत्वों को संरक्षण देने के बजाय इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि कानून का राज स्थापित हो और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
मामला सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज क्षेत्र का है, जहां भाजपा के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें वे मंच से खुलेआम कहते नजर आए,"अगर मुस्लिम लड़के दो हिंदू लड़कियां ले जाते हैं, तो तुम 10 मुस्लिम लड़कियां लाओ, हम शादी का खर्चा भी उठाएंगे और नौकरी का इंतजाम भी करेंगे। पूर्व विधायक ने आगे कहा था - “हम सुरक्षा की गारंटी देंगे। दो के बदले दस से कम मंजूर नहीं। मुल्ला-मौलवियों को कह दो, अब बदला भारी होगा। उन्होंने युवाओं से हाथ उठवाकर इस बयान का समर्थन भी लिया और कहा कि “अब योगी जी का राज है, डरने की जरूरत नहीं है। जो चाहो करो, हम साथ हैं। इस बयान के वायरल होने के बाद राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया। विपक्षी दलों ने इसे समाज को तोड़ने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने की साजिश बताया।
राघवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने भाषण में खुद को “योगी जी का सिपाही” बताया और कहा कि अब अखिलेश यादव का जमाना खत्म हो गया है। उन्होंने डुमरियागंज को “मिनी पाकिस्तान” कहा और दावा किया कि पहले हिंदू परिवार डर के साए में रहते थे। उन्होंने कहा, “योगी जी बनने से पहले हिंदू दुबकते थे, बहू-बेटियां असुरक्षित थीं। अब जो छेड़ेगा, छोड़ा नहीं जाएगा। इस बयान को लेकर न केवल सोशल मीडिया पर नाराजगी दिखी, बल्कि कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इसकी निंदा की।
मायावती ने कहा कि धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले लोग समाज और संविधान दोनों के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि देश में करोड़ों लोग शांति, भाईचारे और आपसी सौहार्द से रहना चाहते हैं, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व राजनीतिक स्वार्थ के लिए विष घोल रहे हैं। ऐसे लोगों को संरक्षण देना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए कलंक होगा। बसपा प्रमुख ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की कि वे कानून का राज कायम रखने और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ऐसे भड़काऊ बयानों पर तुरंत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सरकार को दिखाना होगा कि वह संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति प्रतिबद्ध है, न कि नफरत फैलाने वालों की समर्थक।
पूर्व विधायक के इस बयान के बाद न केवल विपक्ष बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भी असहमति जताई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी अगले चुनावों से पहले “सबका साथ, सबका विश्वास” की नीति पर जोर दे रही है। वहीं, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे बयान भाजपा की दोहरी नीति को उजागर करते हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने यह जरूर कहा कि उनकी पार्टी किसी भी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है, लेकिन जो लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह समय देश को जोड़ने का है, बांटने का नहीं। सरकारों को चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ बिना देर किए कानूनी कार्रवाई करे। यही देशहित और जनहित में होगा।
वायरल वीडियो के मामले में स्थानीय प्रशासन ने संज्ञान लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार वीडियो की जांच की जा रही है। फिलहाल कोई आधिकारिक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन जिला प्रशासन ने रिपोर्ट मांग ली है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजनीतिक नेता अपने बयानों से समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। डुमरियागंज और आस-पास के क्षेत्रों में इस बयान के बाद तनाव की स्थिति तो नहीं है, लेकिन लोगों में असहजता जरूर है।
Published on:
28 Oct 2025 07:20 pm
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