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Lucknow Crime: सिर्फ पांच रुपये की बहस ने तोड़ा सपना, इंटरव्यू देने जा रहे युवक का सिर फोड़ा, खून से लथपथ बस में गिरी इंसानियत

Lucknow Shocker: लखनऊ में रविवार को सिटी बस में एक मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। पांच रुपये के किराए को लेकर बस परिचालक ने इंटरव्यू देने जा रहे युवक के सिर पर वार कर दिया। घायल युवक खून से लथपथ अस्पताल पहुंचा। पुलिस ने आरोपी परिचालक को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 03, 2025

Bus Conductor Attack (फोटो सोर्स : Patrika)

Bus Conductor Attack (फोटो सोर्स : Patrika)

Lucknow City Bus Violence: राजधानी लखनऊ में रविवार सुबह एक मामूली बात ने बड़ा रूप ले लिया। सरोजनी नगर से चिनहट जा रही सिटी बस में किराए को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जब बस के परिचालक ने मात्र पांच रुपये के विवाद में एक सवारी के सिर पर वार कर उसे लहूलुहान कर दिया। पीड़ित युवक नौकरी के इंटरव्यू देने जा रहा था, लेकिन खून से लथपथ हालत में उसे अस्पताल पहुंचाना पड़ा। घटना के बाद मौके पर आशियाना थाना पुलिस पहुंची और आरोपी परिचालक को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी। यह मामला न केवल सिटी बस संचालन व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राजधानी में सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों की सुरक्षा कितनी कमजोर है।

इंटरव्यू देने जा रहा था युवक, रास्ते में हुआ विवाद

मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के निवासी अजय तिवारी पुत्र राजेश तिवारी फिलहाल सरोजनी नगर क्षेत्र के दरोगा खेड़ा में किराए पर रहते हैं। अजय ने बताया कि रविवार की सुबह करीब 11 बजे वे नौकरी के इंटरव्यू के लिए चिनहट स्थित कमता जा रहे थे। उन्होंने रूट संख्या 302 पर चलने वाली सिटी बस में सवार होकर यात्रा शुरू की। बस में सामान्य भीड़ थी और अधिकांश यात्री रविवार की छुट्टी का फायदा उठाकर कहीं न कहीं जा रहे थे। बस सरोजनी नगर से आशियाना इलाके की ओर बढ़ रही थी, तभी बस परिचालक ने अजय से किराए को लेकर बहस शुरू कर दी।

पांच रुपये को लेकर भड़का परिचालक

यात्री अजय तिवारी के अनुसार उन्होंने बस का किराया 25 रुपये दिया, जबकि परिचालक 30 रुपये की मांग कर रहा था। अजय ने बताया कि वे उसी रूट पर पहले भी सफर कर चुके थे और किराया 25 रुपये ही लगता था। इसी बात को लेकर परिचालक जसमिन सिंह पुत्र चंद्रपाल निवासी अलीगंज, लखनऊ ने उनसे तीखी बहस शुरू कर दी। शुरुआत में बात केवल कहासुनी तक सीमित थी, लेकिन जैसे ही बस आशियाना थाना क्षेत्र में पहुंची, परिचालक गुस्से में आ गया और उसने अजय के सिर पर किसी ठोस वस्तु से वार कर दिया, जिससे अजय का सिर फट गया और खून बहने लगा।

 लहूलुहान हालत में यात्री ने मांगी मदद

अचानक हुई इस घटना से बस में सवार अन्य यात्री भी घबरा गए। अजय तिवारी ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम (112) पर फोन करके घटना की जानकारी दी। सूचना पाकर आशियाना थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायल युवक को अस्पताल भेजा। पुलिस ने आरोपी परिचालक जसमिन सिंह को मौके पर ही हिरासत में ले लिया। घायल अजय को नजदीकी अस्पताल ले जाकर उसका चिकित्सीय परीक्षण (मेडिकल एग्जामिनेशन) कराया गया। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और बस को थाने में खड़ा करवा लिया।

युवक बोला- पांच रुपये के लिए सिर फोड़ दिया, जिंदगी खतरे में डाल दी

अजय तिवारी ने बताया कि उन्हें यह विश्वास ही नहीं हो रहा था कि सिर्फ पांच रुपये के लिए कोई व्यक्ति इतनी हिंसा कर सकता है। अजय ने कहा कि मैं बस में सामान्य तरीके से सफर कर रहा था। किराया देने के बाद मैंने कहा कि यही रेट है, लेकिन परिचालक अचानक अपशब्द कहने लगा और झगड़ा करने लगा। जब मैंने विरोध किया, तो उसने मेरे सिर पर जोरदार वार कर दिया। अगर अन्य यात्री बीच-बचाव न करते, तो वह और भी नुकसान पहुंचा सकता था।अजय के मुताबिक बस में मौजूद कुछ यात्रियों ने घटना का वीडियो भी बनाया, जिसे उन्होंने पुलिस को सौंपने की बात कही है।

पुलिस ने परिचालक को कस्टडी में लिया, जांच जारी

थाना आशियाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी बस परिचालक जसमिन सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पीड़ित की तहरीर पर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह विवाद किराए के ₹5 को लेकर हुआ। आरोपी परिचालक का मेडिकल कराया जा रहा है, और उसके बयान भी दर्ज किए जाएंगे। पीड़ित के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है,- पुलिस अधिकारी ने बताया।

साक्ष्यों के आधार पर होगी कार्रवाई

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बस में लगे CCTV कैमरों की फुटेज मांगी गई है ताकि घटना की सटीक जानकारी मिल सके। अगर आरोपी परिचालक का दोष साबित होता है, तो उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही, परिवहन विभाग को भी पत्र भेजकर परिचालक का लाइसेंस निलंबित करने की सिफारिश की जाएगी।

नौकरी का मौका छूटा, पर मिली न्याय की उम्मीद

पीड़ित अजय तिवारी ने कहा कि इस घटना के कारण वे अपने नौकरी के इंटरव्यू में नहीं पहुंच सके, जिससे उनका बड़ा नुकसान हुआ। मेरा सपना था कि इस बार नौकरी मिल जाएगी, लेकिन बस के अंदर जो हुआ, उसने मेरा आत्मविश्वास तोड़ दिया। फिर भी मुझे पुलिस से न्याय की उम्मीद है,”- अजय ने कहा।

पुलिस का बयान

डीसीपी साउथ लखनऊ ने कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है। सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई कर्मचारी इस तरह का अमानवीय व्यवहार न करे।