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गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर बोले योगी- सिख गुरुओं का योगदान अविस्मरणीय

लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारा में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन परंपरा में सिख गुरुओं का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि गुरु परंपरा ने देश को आस्था, राष्ट्रभक्ति और बलिदान का अद्वितीय संदेश दिया है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 28, 2025

लखनऊ में ऐतिहासिक आयोजन, श्रद्धा और राष्ट्र भाव का संगम (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

लखनऊ में ऐतिहासिक आयोजन, श्रद्धा और राष्ट्र भाव का संगम (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन परंपरा में सिख गुरुओं का योगदान अविस्मरणीय, अतुलनीय और प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को केवल आस्था नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, सेवा और बलिदान का आदर्श भी प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ने श्रद्धा के साथ कहा कि “जहां भी गुरु महाराज के पावन चरण पड़ते हैं, वह स्थान रामराज्य के समान पवित्र हो जाता है।”

लखनऊ में ऐतिहासिक आयोजन, श्रद्धा और राष्ट्र भाव का संगम

राजधानी लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारा में मंगलवार को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व का आयोजन भक्ति और उत्साह के वातावरण में हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परबिंदर सिंह और बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत अरदास और कीर्तन से हुई। पूरे परिसर में “सतनाम वाहेगुरु” के जयघोष गूंजते रहे। गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश और दीवान सजने के साथ वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।

मुख्यमंत्री ने किया गुरु परंपरा को नमन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दिन भारत की आध्यात्मिक परंपरा, बलिदान और एकता के प्रतीकों को याद करने का अवसर है। उन्होंने कहा गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म, मानवता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने न केवल सिख धर्म के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए त्याग की मिसाल कायम की। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें राष्ट्र प्रेम और सेवा का मार्ग दिखाती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “जहां भी गुरु महाराज के चरण पड़ते हैं, वह भूमि पवित्र हो जाती है। हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि इस यात्रा के माध्यम से हम गुरु महाराज और गुरु साहिबान के पावन चरणों का दर्शन कर पा रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम ने देशभर में एकता, श्रद्धा और कृतज्ञता का भाव जगाया है।

 गुरु चरण यात्रा-अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ती कड़ी

सीएम योगी ने बताया कि यह 350 वीं वर्षगांठ केवल एक ऐतिहासिक स्मरण नहीं, बल्कि “गुरु चरण यात्रा” के माध्यम से पूरे देश को आध्यात्मिक एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली से शुरू हुई यह गुरु चरण यात्रा अब पूरे भारत में श्रद्धा और गौरव का भाव जगा रही है। यह यात्रा केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए मार्गदर्शन है। यह राष्ट्र की एकता, आध्यात्मिक चेतना और सेवा भावना का प्रतीक बन चुकी है। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस यात्रा को राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सौहार्द का संदेश बनाएं।

यहियागंज गुरुद्वारा-साझा आस्था और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की साझा संस्कृति और एकता का प्रतीक है। यह स्थान इसलिए भी विशेष है क्योंकि गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज दोनों की स्मृतियाँ इस पवित्र स्थल से जुड़ी हैं। इस गुरुद्वारे में वह भावना बसती है जो पूरे देश को एक सूत्र में बांधती है।” उन्होंने कहा कि लगभग ढाई सौ वर्षों से गुरु महाराज के पावन चरण पादुकाएं, जो पहले अखंड भारत के हिस्से पाकिस्तान में थीं, अब पटना साहिब में प्रतिष्ठित की जा रही हैं। यह भारत की आध्यात्मिक विरासत और सांस्कृतिक अखंडता का प्रतीक है।

गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान- मानवता की रक्षा का प्रतीक

गुरु तेग बहादुर जी का जन्म 1621 में हुआ था और उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की धार्मिक अत्याचार नीति का विरोध करते हुए 1675 में अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनका बलिदान केवल सिख धर्म की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए था। इसी कारण उन्हें “हिंद दी चादर” यानी हिंदुओं की ढाल कहा जाता है। सीएम योगी ने कहा कि “गुरु तेग बहादुर जी ने यह संदेश दिया कि धर्म की रक्षा के लिए किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटना चाहिए। उनकी शिक्षाएँ आज भी हमें निडरता, समर्पण और राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देती हैं।”

 सिख समाज की भूमिका - राष्ट्र निर्माण में अग्रणी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज ने सदैव राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है। गुरुओं की परंपरा ने भारत को आध्यात्मिक शक्ति, देशभक्ति और मानवता का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने कहा की गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी तक, प्रत्येक गुरु ने समाज को नई दिशा दी। सिख परंपरा ने ‘सेवा’ और ‘बलिदान’ का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया, जो सदियों तक प्रेरणा देता रहेगा। सीएम योगी ने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी को इस गुरु परंपरा से जुड़ने की आवश्यकता है, क्योंकि यही हमारी संस्कार, एकता और राष्ट्रभक्ति की मूल जड़ है।

हरदीप सिंह पुरी ने कहा- गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने अपनी शिक्षाओं से यह दिखाया कि मानवता किसी धर्म, जाति या सीमा में बंधी नहीं होती। उन्होंने कहा कि “गुरु जी का बलिदान हमें याद दिलाता है कि धर्म का अर्थ केवल पूजा नहीं, बल्कि दूसरों की स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा करना भी है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया कि उन्होंने इस पावन अवसर पर सिख समाज के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त की।

राष्ट्रीय एकता का संदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी पर्व का यह अवसर भारत के सभी नागरिकों के लिए एक राष्ट्रीय एकता पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “यह पर्व केवल सिख समुदाय का नहीं, बल्कि पूरे भारत का है। यह हमें बताता है कि हमारी विविधता ही हमारी शक्ति है। जब धर्म और राष्ट्र एक भाव से जुड़ते हैं, तो भारत की आत्मा और भी उज्ज्वल होती है। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे गुरु जी की शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करें और समाज में सेवा, समर्पण व एकता का भाव फैलाए।