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सस्ते तेल का बड़ा नुकसान! रसोई में इस्तेमाल होने वाला Refined Oil धीरे-धीरे कर रहा है शरीर को कमजोर

Refined Oil Bad For Health: आजकल लगभग हर घर में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल बढ़ गया है। दिखने में यह साफ , सस्ता और हल्का जरूर लगता है, इसी कारण लोग इसे हेल्दी मान लेते हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Oct 30, 2025

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Harmful Effects of Refined Oil|फोटो सोर्स – Freepik

Refined Oil Bad For Health: मॉडर्न लाइफस्टाइल में जहां रहन-सहन और खाने के तरीकों में तेजी से बदलाव आ रहे हैं, वहीं रसोई की आदतों में भी बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। आजकल लगभग हर घर में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल बढ़ गया है। दिखने में यह साफ , सस्ता और हल्का जरूर लगता है, इसी कारण लोग इसे हेल्दी मान लेते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि रिफाइनिंग की प्रक्रिया में तेल के प्राकृतिक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिससे यह शरीर के लिए नुकसानदायक बन जाता है। आइए जानते हैं कि रिफाइंड ऑयल का सेवन हमारी सेहत पर किस तरह असर डाल सकता है।

कैसे बनता है रिफाइंड ऑयल?

रिफाइंड ऑयल किसी भी प्राकृतिक स्रोत जैसे सरसों, सोया, सूरजमुखी, मकई या पाम से निकाला जाता है। लेकिन इसे शुद्ध करने के नाम पर इसमें केमिकल्स, हेक्सेन, और हाई टेम्परेचर प्रोसेसिंग की जाती है।इस प्रक्रिया में तेल का नेचुरल रंग, खुशबू और पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। परिणामस्वरूप हमें एक ऐसा तेल मिलता है, जो दिखने में तो साफ है, लेकिन पोषण लगभग शून्य होता है।

Refined Oil Side Effects: रिफाइंड ऑयल खाने से सेहत पर असर

दिल के लिए खतरनाक

रिफाइंड ऑयल में ट्रांस फैट और ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है। ये तत्व शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ाते हैं और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) घटाते हैं।इससे धीरे-धीरे दिल की नसों में ब्लॉकेज बनने लगता है, और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।कई हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, रिफाइंड ऑयल का अधिक सेवन सिगरेट पीने जितना नुकसानदायक हो सकता है।

दिमाग पर असर

रिफाइंड ऑयल में मौजूद अनहेल्दी फैट्स और केमिकल्स हमारे ब्रेन सेल्स की झिल्ली को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे दिमाग की कार्य क्षमता, याददाश्त और फोकस प्रभावित होता है।लंबे समय तक इसका सेवन डिप्रेशन, स्ट्रेस और मेमोरी लॉस जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। बच्चों और बुजुर्गों में यह असर और ज्यादा दिखाई देता है।

मोटापा और डायबिटीज का कारण

इस तेल में कैलोरी और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा बहुत अधिक होती है। नियमित सेवन से शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल से बाहर हो सकता है।लंबे समय में यह मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज और फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। जो लोग तला-भुना या जंक फूड ज्यादा खाते हैं, उनमें यह खतरा और बढ़ जाता है।

लिवर और किडनी पर असर

रिफाइंड ऑयल में मौजूद फ्री रेडिकल्स और टॉक्सिक केमिकल्स लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।लिवर को इसे प्रोसेस करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे फैटी लिवर, लिवर इंफ्लेमेशन और किडनी की कार्यक्षमता कमजोर सकती हैं।

तेल को बार-बार गर्म करने का खतरा

जब रिफाइंड ऑयल को बार-बार गर्म किया जाता है (जैसे फ्राई करने में), तो इसमें फ्री रेडिकल्स बनते हैं। ये शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस पैदा करते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।इसी कारण ज्यादा तला हुआ खाना खाने वालों में ब्रेस्ट, कोलन और स्किन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

क्या है बेहतर विकल्प?

  • कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल (जैसे सरसों, नारियल, तिल, या मूंगफली का तेल)
  • घी (Desi Ghee) – प्राकृतिक, पचने में आसान और दिल के लिए भी बेहतर
  • ऑलिव ऑयल – खासतौर पर सलाद या हल्के पकवानों के लिए